BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहां हैं..?
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहां हैं..?
IndiaLead

जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहां हैं..?

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published August 13, 2013
Share
10 Min Read
SHARE

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने आईबी द्वारा यूपी में हाई-अलर्ट की घोषणा कि नेपाल के रास्ते कुछ आतंकी उत्तर प्रदेश में घुस आए हैं, को जनता में डर पैदा करने का नाटक क़रार देते हुये कहा कि सपा सरकार खालिद मुजाहिद की हत्या और आतंकवाद के नाम पर बंद बेगुनाह मुस्लिम युवकों को छोड़ने के वादा-खिलाफी से उपजे मुसलमानों के आक्रोश से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के फर्जी हाई अलर्ट जारी कर रही है ताकि इन मामलों में अपनी आपराधिक भूमिका के चलते घिरी आईबी को बचने का मौका दिला सके.

रिहाई मंच ने कहा कि यह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता कि आईबी एक तरफ नरेंद्र मोदी के गुजरात में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों के होने का दावा कर रही है जहां आईबी इशरत जहां मामले में घिरी हुयी है तो वहीं उत्तर प्रदेश जहां आईबी निमेष कमीशन की रिपोर्ट और खालिद मुजाहिद की हत्या में घिरी है में वह नेपाल के रास्ते आतंकवादियों के आने की अफवाह फैला रही है.

DSCN3515रिहाई मंच ने सपा सरकार से अपील की कि 15 अगस्त और 26 जनवरी पर आतंकवाद के नाम पर हाई-अलर्ट जारी कर जनता को डराने और अपराधी और साम्प्रदायिक पुलिस और आईबी अधिकारियों को बचाने की कोशिश करना छोड़ दे क्योंकि इससे अब सरकार को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है क्योंकि जनता आईबी के इस नाटक को समझ चुकी है. ये बातें रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 84वें दिन कहीं.

मोहम्मद शुऐब ने कहा कि सरकारें और आईबी 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय त्योहारों के दौरान मुसलमानों और आदिवासीयों को आतंकवाद और नक्सलवाद के नाम पर फर्जी मुठभेड़ों में मारने का अभियान चलाती हैं और इसी के तहत इस तरह के फर्जी हाई-अलर्ट जारी करती हैं. जिसका उदाहरण 15 अगस्त 2000 को लखनऊ के सहकारिता भवन में हुआ कथित आतंकी हमला है, जिसमें आज तेरह साल बाद भी सरकार एक भी स्वतंत्र गवाह नहीं पेश कर पाई है और बेगुनाह मुस्लिम युवक आज भी मुक़दमे झेल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को दशकों से जारी किया जा रहा हाई-अलर्ट मुसलमानों को देश विरोधी साबित करने के लिए आईबी करती है ताकि यह संदेश जा सके कि देश की आजादी में मुसलमानों की कोई भूमिका नहीं थी. आज हालात यह हो गए हैं कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को मुसलमान घरों से निकलने से डरता है कि कहीं आतंकवाद के नाम पर उसे आईबी फंसा न दे. आईबी द्वारा फैलाए गए ऐसे ही डर और दहशत के खिलाफ रिहाई मंच आजादी के 66वीं वर्षगांठ पर जन सुनवाई करेगा.

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव ने कहा कि लखनऊ के फरहान, शुऐब, अमरोहा के रिजवान, पश्चिम बंगाल के महबूब मंडल हों या फिर इलाहाबाद के वलीउल्ला इन सभी को पिछली मुलायम सरकार में आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार किया गया था तो वहीं जून 2007 में मायावती सरकार में बिजनौर के याकूब, नासिर हुसैन, नौशाद, पश्चिम बंगाल के जलालुद्दीन, मो0 अली अकबर हुसैन, अजीजुर्रहमान सरदार, नूर इस्लाम, शेख मुख्तार को गिरफ्तार किया गया था.

यह गिरफ्तारियां और अखिलेश सरकार में शकील समेत चार लड़कों की हुई गिरफ्तारियों और मौलाना खालिद की हत्या यह बताती है कि मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के नाम पर फर्जी आतंकवाद की राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है.

इसे सपा-बसपा-कांग्रेस-भाजपा में बांटकर नहीं देखा जा सकता. सभी के एजेण्डे में मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के नाम पर फंसाना है. जिस तरह से गुजरात की मोदी सरकार इशरत जहां के कातिल पीपी पाण्डे को और कांग्रेस के गृह मंत्री शिवराज पाटिल राजेन्द्र कुमार को बचाने की कोशिश में लगे हैं, ठीक उसी तरह यूपी की अखिलेश सरकार खालिद के कातिल पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झां, अमिताभ यश और आईबी के अधिकारियों को बचाने में लगी है.

मोहम्मद शुऐब ने कहा कि आजादी के बाद नेहरु की सरकार में देश के ऐसे ही हालात थे जिन पर उस के वक्त मशहूर जनवादी शायर साहिर लुधियानवी ने पूछा था कि ‘जिन्हें नाज है हिंद पर वो कहां हैं’. इसी को नारा बनाते हुए रिहाई मंच धरने के 86 वें दिन आजादी के 66 वीं वर्षगांठ पर आतंकवाद के नाम पर पीडि़त व दंगा पीडि़तों की जनसुनवाई विधान सभा धरना स्थल पर करेगा. जिसमें आईबी और पुलिस अधिकारियों द्वारा कत्ल कर दिए गए खालिद मुजाहिद और बेगुनाह तारिक कासमी के परिजन भी मौजूद रहेंगे.

रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जिस तरह से पिछले दिनों गृह मंत्रालय से जुडे सचिव स्तर के अधिकारियों ने खुलासा किया कि संसद हमला और 26/11 मुंबई हमला खुद सरकारों ने करवाया है ऐसे में इस देश के अंदर हुए तमाम बड़ी आतंकी वारदातों की पुर्नर्विवेचना ज़रुरी हो जाती है, इसलिए जन-सुनवाई में गुजरात में 2002 में अक्षरधाम मंदिर पर हुए कथित आंतकी हमले जिसे रिहाई मंच आईबी और मोदी द्वारा करवाया हुआ मानता है, में फांसी की सजा पाए बरेली के चांद खान, अहमदाबाद मुफ्ती कयूम और मौलाना अब्दुला के सवाल भी उठाए जाएगा जिसमें इनके परिजन भी शामिल होंगे.

रिहाई मंच के प्रवक्ताओं ने कहा कि सांप्रदायिक दंगों की आग में जिस तरह से यूपी को अखिलेश सरकार ने झोंक दिया है और ऐसे सवालों से बचने के लिए मानसून सत्र नहीं बुला रही है. ऐसे में हमने यह घोषित किया है कि आजादी की 66 वीं वर्षगांठ पर सपा सरकार में मथुरा के कोसी कलां, बरेली, प्रतापगढ़ के अस्थान, फैजाबाद के रुदौली-भदरसा, गोण्डा के परसपुर, अंबेडकर नगर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के दंगा पीडि़त 15 अगस्त को विधान सभा पर जनसुनवाई में शिरकत करेंगे.

उन्होंने कहा कि जो सपा के लोग रोज सांप्रदायिकता का खतरा दिखाते हैं हम 15 अगस्त को विधानसभा पर इस जनसुनवाई के माध्यम से इस सरकार के सांप्रदायिक चेहरे को बेनकाब करेंगे कि मोदी के रास्ते पर चलते हुए सपा सरकार में 21 जून को कोसी कलां मथुरा से लेकर 24 नवंबर को लगातार तीन दिनों को फैजाबाद को दंगे की आग में झोंक दिया गया और ऐतिहासिक मस्जिद हसन रजा को सपा व बजंरगदल-हिंदू युवा वाहीनी के दंगाईयों ने तोड़-फोड़ की और आग लगा दी. तो वहीं कुशीनगर में भाजपा सांसद योगी आदित्यानाथ की हिंदू युवा वाहिनी के गुंडे मुस्लिमों को नाबालिग लड़कियों का अपहरण करके जबरन शादी करने के मामले सामने आए हैं.

इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि आज 64 सालों के लोकतंत्र में अवाम को मुल्यांकन करना होगा कि सरकारों ने उन्हें क्या दिया है. रिहाई मंच का आंदोलन इन्हीं सवालों को उठा रहा है जिसके जवाब हमारी सरकारों के पास नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि आज सरकारें काले कानूनों के ज़रिए अपने ही नागरिकों को देशद्रोही बता कर जेलों में ठूंस रही हैं और दूसरी ओर देशी-विदेशी कार्पोरेट घरानों को देश के संसाधनों को लूटने की खुली छूट दे रही हैं. जो आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को बेइज्जत करने जैसा है.

भरतीय एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद मोईद अहमद और आईएनएल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी ने कहा कि देश में खुफिया के लोग ही आतंकवादी कार्यवाही को अंजाम देते हैं. वे कानून की आड़ में देशद्रोह कर रहे हैं. खुफिया के लोग मनोवैज्ञानिक तौर पर अवाम को विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं. लेकिन लोग अब लागरूक हो रहे हैं और एकजुट होकर इसका मुकाबला करेंगे.

शेख इरफान और मौलाना क़मर सीतापूरी ने कहा कि हर मोर्चे पर फेल हो चुकी सपा सरकार को तिरंगा फहराने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आश्वासन मंत्री हो गए हैं. जो जनता को 15 अगस्त को फिर से आश्वासनों की घुट्टी पिलाएंगे. लेकिन अवाम अब जागरूक हो गयी है.

धरने का संचालन अनिल आज़मी ने किया. धरने को रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान, आईएनएल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, पिछड़ा समाज महासभा के एहसानुल हक़, कारी हसनैन, कमर सीतापुरी, शिवनारायण कुशवाहा, अनिल आज़मी, बबलू यादव, लक्ष्मण प्रसाद, शेख इरफान, मोहम्मद फैज़, फैजान मुसन्ना, राजीव यादव ने संबोधित किया.

Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveIndiaLeadYoung Indian

Weaponizing Animal Welfare: How Eid al-Adha Becomes a Battleground for Hate, Hypocrisy, and Hindutva Politics in India

July 4, 2025
ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?