BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : यूपी की कचहरियों में 2007 में हुए धमाकों में पुलिस तथा आईबी के अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से फंसाए गये मौलाना खालिद मुजाहिद की न्यायिक हिरासत में की गयी हत्या तथा आरडी निमेष कमीशन रिपोर्ट पर कार्रवायी रिपोर्ट के साथ सत्र बुलाकर सदन में रखने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ने की मांग को लेकर रिहाई मंच का धरना शनिवार को 81 वें दिन भी जारी रहा.
धरने में वक्ताओं ने कहा कि इशरत जहां की फर्जी मुठभेड़ में की गयी हत्या के आरोपी भगोड़े पुलिस अधिकारी पीपी पाण्डे की जमानत अर्जी खारिज हो जाने के बाद, उनका अचानक गायब हो जाना इस बात का संकेत करता है कि नरेन्द्र मोदी की शह पर गुजरात में कानून और व्यवस्था का किस तरह से मजाक उड़ाया जा रहा है.
जिस राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं उसमें कानून व्यवस्था की यह खराब स्थिति है और अपराधी निरंकुश होकर मनमाना कार्य कर रहे हैं तो यदि मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन जाएं तो पूरे देश में फांसीवादी और सांप्रदायिक तत्व किस तरह की अराजकता बरपा करेंगे इसका ट्रेलर पीपी पाण्डे की फरार होने की घटना में देखा जा सकता है.
वक्ताओं ने कहा कि ज़मानत अर्जी के खारिज होने के बाद सीबीआई उन्हें जेल भेजने के लिए खोज रही है और गुजरात पुलिस इस मामले में सीबीआई को कोई सहयोग नहीं कर रही है.
वक्ताओं ने कहा कि पीपी पाण्डे का सीधा संरक्षण नरेन्द्र मोदी और अमित शाह जैसे लोगों ने हमेशा किया है लिहाजा हमारी मांग है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह से इस मामले में पूछ-ताछ की जाय. पीपी पाण्डे को भगाने में गुजरात की सांप्रदायिक जेहेनियत की पुलिस का हाथ है जिसे नरेन्द्र मोदी का संरक्षण प्राप्त है.
धरने का संचालन इलाहाबाद से आये अनिल आजमी ने किया. धरने को इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान, बाराबंकी से आए अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन, इलाहाबाद के रिहाई मंच प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, भागीदारी आंदोलन के पीसी कुरील, पिछड़ा समाज महासभा के एहसानुल हक, भंवर नाथ पासवान, शिव नारायण कुशवाहा, मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारुकी, आदि योग, रामकृष्ण, कानपुर से आए हफीज अहमद, बबलू यादव, योगेनद्र सिंह यादव, परवेज मंसूर, लक्षमण प्रसाद, अहमद, इरफान शौकत, वसीम शेख, एमआर शर्मा, कमल कुमार, फैज मुसन्ना, अरविंद कुशवाहा, जवाहर प्रसाद, नन्द लाल, जयशंकर, छत्रपाल, शत्रुमोहन लाल, राम बचन राय, राजू, हरीराम, मेवा लाल, राजीव यादव ने संबोधित किया.