India

अंतिम सांस तक इंसाफ के लिए राजा भैया के खिलाफ लड़ती रहूंगी…

Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

सीबीआई ने कुंडा के सीओ शहीद ज़ियाउल हक़ हत्याकांड में यूपी के पूर्व मंत्री मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत पांच लोगों को क्लीन चिट दे दी है. गुरूवार को सीबीआई ने विशेष अदालत में अपनी अंतिम रिपोर्ट देते हुए राजा भैया इस मामले में निर्दोष बताया है.

इस ख़बर के बाद BeyondHeadlines ने शहीद ज़ियाउल हक़ की विधवा परवीन आज़ाद से विशेष बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि वो सीबीआइ की इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआइ ने जो जांच रिपोर्ट कोर्ट में दी वह मेरे पास नहीं है. जैसे ही रिपोर्ट की कापी उनके हाथ में मिलेगी उसका अध्ययन करके वह अपने वकील के ज़रिए पुन: जांच की मांग करेंगी.

Praveen Azad (Wife of Ziyaul Haque)वो बताती हैं कि जो लोग भी मेरे पति की हत्या से जुड़े हैं वो क्रिमिनल्स हैं. कुंडा की हिस्ट्री शीट निकालकर देख लीजिए कि किस पर कितना मुक़दमा दर्ज है? पर अफसोस कि यह क्रिमिनल्स आज भी खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं और गुंडागर्दी कर रहे हैं. दरअसल, राजनीतिक व्यवस्था के साथ-साथ हम सब भी ज़िम्मेदार हैं कि हम लोग ही इन्हें वोट देकर जिताते हैं और हमसे कोई इनके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाता. यह ज़ुल्म करते रहते हैं और हम सहते रहते हैं, लेकिन मैं अब चुप नहीं बैठूंगी. हर समय इनके खिलाफ आवाज़ उठाती रहूंगी तब तक जब तक इनको सज़ा न हो जाए.

आगे उन्होंने बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से अपनी पांच मांगे रखी थीं. हमारी पहली मांग यह है थी कि शहीद ज़ियाउल हक़ से संबंधित सीबीआई जांच के अधिकारी सिर्फ दिल्ली को हों, लखनऊ के न हों. लखनऊ शाखा के सीबीआई अधिकारी होने पर जांच प्रभावित हो सकती है. हमारी दूसरी मांग यह थी कि फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित कर दिल्ली गैंगरेप के तर्ज पर रोज़ के रोज़ सुनवाई हो. तीसरी मांग थी कि सीबीआई के अधिकारी जो भी सबूत इकट्ठा करें वो सीधे-सीधे सीबीआई कोर्ट को रिपोर्ट करें न कि अपने मातहत सीबीआई अधिकारी को. हमारी चौथी मांग यह थी कि फास्ट कोर्ट उत्तर प्रदेश के बाहर गठित हो अन्यथा जांच प्रभावित हो सकती है. और हमारी आखिरी मांग थी कि इस जांच से संबंधित जितने भी सीबीआई अधिकारी जांच कर रहे हैं, उनका बायोडाटा मुझे उपलब्ध कराई जाए. लेकिन अफसोस कि उत्तर प्रदेश ने शायद मेरे एक भी मांग को नहीं मानी और न ही इस संबंध में कोई जानकारी ही मुझे दी गई.

परवीन ने बताया कि उनको आगे अब न्यायपालिका पर भरोसा है. मैंने प्रतापगढ़ के कुंडा में अपने पति की हत्या के बाद जो बयान दिया उस पर कायम हूं. पति के हत्यारों को सजा दिलाने और इंसाफ के लिए कोर्ट से लेकर रोड तक संघर्ष करूंगी. मैं धरना-प्रदर्शन से लेकर अनशन तक करूंगी. मैं पीछे हटने वाली नहीं हूं. हत्यारों को सजा दिलाना ही मेरा मक़सद है. मेरे पति की बेरहमी से मारकर हत्या की गई. मैं बिना न्याय मिले चुप नहीं रहने वाली.

यही नहीं, रघुराज प्रताप सिंह को क्लीन चिट मिलने पर ज़ियाउल हक़ के माता-पिता को भी एतराज़ है. बुजुर्ग पिता शमशुल हक़ व माता हाज़रा खातुन का कहना है कि राजा भैया के बारे में जो कुछ सुना है, उससे स्पष्ट है कि उनके बेटे की हत्या में राजा भैया की भूमिका ज़रूर है. लेकिन हम इस जांच रिपोर्ट के खिलाफ कोई अपील या शिकायत करने नहीं जा रहे हैं.

दूसरी तरफ बरी होने के बाद राजा भैया ज़ियाउल हक़ की विधवा परवीन आजाद के खिलाफ मानहानि का मुक़दमा दायर करने का मन बना रहे है, हालांकि वे ऐसा कोई निर्णय अपने समर्थकों से बात करने के बाद ही लेंगे.

उल्लेखनीय है कि परवीन आजाद के पति सीओ कुंडा जियाउल हक की दो मार्च को बलीपुर में हत्या हो गयी थी. परवीन आजाद ने इस प्रकरण में तत्कालीन मंत्री तथा कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के खिलाफ हत्या के षड्यंत्र का मुक़दमा दर्ज कराया था. लेकिन सीबीआई जांच के दौरान पर्याप्त सबूत नहीं मिला. प्रभारी विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई) नीलकांत मणी त्रिपाठी ने एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल करने के लिए परवीन आज़ाद को समय देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 7 अगस्त तय की है.

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