BeyondHeadlines News Desk
मौलाना खालिद मुजाहिद की पुलिस हिरासत में हुई हत्या और इसमें शामिल पुलिस अफसरों को सजा दिलाने और निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर अमल करने की मांग के साथ धरना स्थल लखनऊ में दिनांक 22 मई 2013 से चल रहा रिहाई मंच का धरना जारी है, लेकिन सपा सरकार ने निमेष कमीशन रिपोर्ट को जारी नहीं की जो मौलाना खालिद मुजाहिद और मौलाना तारिक कासमी को बेगुनाह साबित करती है. जबकि विधानसभा चुनाव में सपा ने वादा किया था कि अगर उसकी सरकार बनेगी तो वह जेलों में बंद बेगुनाह मुसलमानों को रिहा कर देगी. सोलह महीनों बाद भी सपा सरकार ने अपना वादा पूरा नही किया. उल्टे खालिद का कत्ल करवा दिया.
सरकार ने अगर अपना वादा पूरा किया होता तो रामपुर सीआरपीफ कैम्प, संकट मोचन ब्लास्ट, श्रमजीवी एक्सप्रेस कांड, अयोध्या मंदिर पर कथित हमला, गोरखपुर, फैजाबाद, बनारस, लखनऊ कचहरी ब्लास्ट जैसे केसों में फर्जी तरीके से फंसाए गए बेगुनाह मुस्लिम नौजवान आज ईद अपने घरों पर मना रहे होते.
एक तरफ सपा सरकार के मुस्लिम मंत्री जगह जगह यह बयान दे रहे हैं कि उनकी सरकार में कोई गिरफ्तारी नहीं हुयी है. हालांकि उन्हीं के दौरे हुकूमत में दहशतगर्दी के इल्जाम में यूपी से मौलाना शकील नदवी को दुबग्गा, लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है तो वहीं वसीम बट्ट और सज्जाद बट्ट को अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा डेढ़ साल के अंदर पूरे सूबे में सौ से ज्यादा मुस्लिम मुखालिफ फसादात सपा हुकूमत में हो चुके हैं. शिया-सुन्नी फसाद भी इसी की कड़ी है.
मुल्क की अदालतों से हमें इंसाफ की उम्मीद थी लेकिन बाटला हाउस फर्जी एनकाउंटर मामले में शहजाद पर आए फैसले से साफ हो गया है कि अदालतें भी हुकूमत और आईबी की नापाक गठजोड़ में शामिल हैं. यह जम्हूरियत के लिए खतरनाक है. रमजान खत्म हो रहा है. ईद की खुशी के मौके पर तमाम अहले ईमान से गुजारिश है कि वह अपनी खुशियों में उन बेगुनाह नौजवान मुसलमानों को न भूल जाएं जो जेलों में दहशतगर्दी के नाम पर बंद किए गये हैं. उनकी रिहाई के लिए दुआ करें और खामोश एहतेजाज के तौर पर ईद के दिन हाथों में काली पट्टी बांधें.