India

सरकार ने खालिद का नहीं मुसलमानों के भरोसे का कत्ल किया

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : पूरे देश में मुस्लिम नौजवान आतंकवाद के फर्जी आरोपों में जेलों में डाले जा रहे हैं. 14 -14 सालों बाद जब वो बेगुनाह छूटते हैं तब राज्य उनको मुआवजा तक देने को तैयार नहीं होता और न ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सरकारें कोई कार्यवाई करती हैं.

कांग्रेस की सरकार हो या सपा-बसपा की, सभी सरकारों में मुसलमानों की यही स्थिति है. मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव में घोषणा की थी कि अगर सपा सरकार में आयेगी तो आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोष मुसलमान नौजवानों को रिहा कर दिया जायेगा. लेकिन उत्तर प्रदेश में क्या हुआ यह सभी को मालूम है. निमेष कमीशन की रिपोर्ट जिसने खालिद और तारिक की गिरफ्तारी को फर्जी बताया था, प्रदेश सरकार के पास पिछले 31 अगस्त से ही पड़ी हुई है.

justice completes 96 Daysसरकार उस पर अमल करती तो खालिद मुजाहिद आज जिंदा होते और तारिक जेल के बाहर. लेकिन सरकार ने ऐसा करने के बजाय खालिद की हत्या करवा दी. और अब वह इंसाफ करने के बजाय खालिद के हत्यारे पुलिस और आईबी अधिकारियों को बचाने में लगी हुई है. इसीलिए पिछले 96 दिनों से रिहाई मंच द्वारा चलाए जा रहे धरने की एक भी मांग को सरकार ने नहीं माना हैं.

रिहाई मंच के टेंट को उखाड़ दिया गया. यह सपा के मुस्लिम विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. लेकिन जुल्म करने वाली सरकारें ज्यादा दिन नहीं टिक सकतीं. लड़ने वाले लोग ज़रूर टिकते हैं. इसलिए इतिहास हमेशा आपके इस ऐतिहासिक आंदोलन को याद करेगा. ये बातें वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुज्तबा फारूक ने रिहाई मंच के धरने के 96वें दिन कहीं.

धरने के समर्थन में आये वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव कासिम रसूल इलियास ने कहा कि पूरे देश में काले कानूनों के जरिये लोकतांत्रिक आंदोलनों को कुचलने का काम चल रहा है. आज पूरे देश में अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले व्यक्तियों, संगठनों और समुदायों पर किसी न किसी तरह नकेल कसने की साजिशें रची जा रही हैं. पोटा और टाडा के बाद यूएपीए इसका उदाहरण है.

उन्होंने कहा कि खालिद मुजाहिद का कत्ल करके सपा हुकूमत ने मुसलमानों के भरोसे का कत्ल कर दिया है. इससे यह भी साफ हो जाता है कि सपा अब संघ के एजेंडे पर काम कर रही है. निमेष कमीशन रिपोर्ट का सवाल हो या 84 कोसी परिक्रमा का, सपा हुकूमत आरएसएस के हिन्दुत्ववादी एजेंडे को बढ़ाने के लिए काम करती देखी जा सकती है. मुसलमानों को अब सपा पर भरोसा करके दोबारा धोखा खाने की गलती नही करनी चाहिए.

दिल्ली से रिहाई मंच के धरने के समर्थन में आये वेलफेयर पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल वहाब खिल्जी ने कहा कि रिहाई मंच का यह धरना मुसलमानों के लोकतांत्रिक अधिकार बचाने का ही नहीं पूरे देश को फांसीवादी गिरफ्त से बचाने की लड़ाई है. आप अपनी इस लड़ाई में अपने को अकेला न महसूस कीजिए. इस लड़ाई में पूरा मुल्क आपके साथ है. इस देश का मुसलमान तबका आतंकवाद के नाम पर अपने खिलाफ किये गये अन्याय से काफी हताश था और इस आंदोलन से वह बड़ी उम्मीद लगाये बैठा है और उनका भरपूर समर्थन आपके साथ है.

धरने के 100 वें दिन 29 अगस्त गुरुवार को आयोजित विधानसभा मार्च में उन्होंने लोगों से भारी से भारी संख्या में धरना स्थल पहुंचने की अपील की.

वेलफेयर पार्टी के वरिष्ठ नेता तसलीम रहमानी, प्रदेश प्रभारी मोहम्मद इलियास और पार्टी के लखनऊ के नेता मोहम्मद खालिद ने कहा कि मुसलमानों के लोकतांत्रिक सवालों को लेकर भारत में इतना बड़ा आंदोलन नहीं चला था.

इसलिए आंदोलन के 100वें दिन विधानसभा मार्च में शामिल होकर इतिहास का हिस्सा बनना होगा और सपा हुकूमत को समझा देना होगा कि भाजपा के साथ उसकी युगलबंदी अब हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे.

इस मौके पर पूर्व सांसद इलियास आजमी ने कहा कि आईपीएल मैच फिक्सिंग पर तो प्रतिबंध लग गया है लेकिन मुलायम सिंह भाजपा के साथ राजनीतिक मैच फिक्सिंग जारी रखे हुए हैं और वोटों के लिए पूरे सूबे को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की रणनीति बना रहे हैं. आवाम को सन् 2014 के लोकसभा इलेक्शन में मुलायम और मोदी की इस सियासी फिक्सिंग पर रोक लगाना होगा.

यूपी की कचहरियों में 2007 में हुए धमाकों में पुलिस तथा आईबी के अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से फंसाए गये मौलाना खालिद मुजाहिद की न्यायिक हिरासत में की गयी हत्या तथा आरडी निमेष कमीशन रिपोर्ट पर कार्रवायी रिपोर्ट के साथ सत्र बुलाकर सदन में रखने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ने की मांग को लेकर रिहाई मंच का धरना रविवार को 96वें दिन भी जारी रहा.

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव तथा शाहनवाज आलम ने बताया कि धरने के 100 वें दिन 29 अगस्त को होने वाले विधानसभा मार्च की तैयारी में कल शनिवार को कसाई बाड़े में रात्रि में जन सभा हुई. मार्च को सफल बनाने के लिए आज फूलबाग में सभा होगी. 29 अगस्त को होने वाले विधानसभा मार्च में पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमडि़या, सुभाष गताड़े, अभिषेक श्रीवास्तव, मानवाधिकार संगठन पीयूडीआर के नेता परमजीत, अनवर, मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डे, ताहिरा हसन समेत देश के वरिष्ठ राजनीतिक व मानवाधिकार नेता शामिल होंगे. इस मार्च में यूपी में आतंकवाद के नाम पर पीडि़त परिवारों व दंगा पीडि़त भी बड़े पैमाने पर शामिल हो रहे हैं.

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