BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि आज 5 सितंबर है. पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है, मौलाना खालिद मुजाहिद भी एक मदरसे के शिक्षक थे, पर सरकारों, पुलिस व आईबी की सांप्रदायिकता ने पहले उन पर आतंकी का ठप्पा लगाकर पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम किया और जब उनके छूटने का वक्त आया तो उनकी हत्या करवा दी गई.
उन्होंने कहा कि ऐसे में पूरे विद्यार्थी समाज की यह जिम्मेवारी है चाहे वो मदरसे के बच्चे हों, सरकारी स्कूलों के या अन्य शिक्षण संस्थानों के वे इस आंदोलन में आएं. रिहाई मंच जो सैकड़ों दिन से धरने पर बैठा है वो आने वाली हमारी युवा नस्लों के भविष्य को सुरक्षित रखने की लड़ाई है कि अब सरकारें मनमाने ढंग से आतंकवाद के झूठे आरोपों में मुस्लिम समुदाय को न फंसाए.
ऐसे में 16 सितंबर से जब यूपी का मानसून सत्र चलने वाला है तमाम छात्रों को रिहाई मंच की विधान सभा पर घेरा डालो-डेरा डालो मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए कि सपा सरकार किसी भी कीमत पर शहीद मौलाना खालिद और तारिक़ की बेगुनाही का सबूत आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट को सदन के पटल पर कार्यवाई रिपोर्ट के साथ रखे.
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि जिस तरीके से मौलाना खालिद मुजाहिद को न्याय दिलाने, आरडी निमेष कमीशन पर अमल करवाने और दहशतगर्दी के नाम जेलों में बंद बेगुनाहों को रिहा करवाने के लिए लोगों ने रिहाई मंच के धरने के साथियों के लिए को कभी चावल, दाल, आटा तो कभी सुबह के नाश्ते के लिए चने का इंतजाम करवाया और जब यह धरना गर्मियों में चल रहा था तो जिस तरह दूर-दराज से आने वाले साथियों ने यहां पेय पदार्थों की व्यवस्था की और मंच को बरक़रार रखने के लिए एक-एक रुपए का चंदा किया और यहां तक कि जब सपा हूकुमत ने रमजान के महीने में जब धरना दो महीने पूरा कर रहा था उस वक्त संयुक्त दुआ के ठीक पहले टेंट को उखड़वाया उस वक्त जो हौसला दिया उसने इस धरने को इंसाफ की तहरीकों में यादगार बना दिया.
उन्होंने कहा कि अब लड़ाई आर-पार की है. जैसा कि रिहाई मंच ने एलान किया था कि आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट को अमल करवाए बगैर और शहीद मौलाना खालिद के हत्यारों पर कार्यवाई के बगैर हम नहीं उठेंगे तो आगामी 16 सितंबर से शुरु होने वाले मानसून सत्र में तय हो जाएगा कि सरकार मज़लूम बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों के पक्ष में है कि सांप्रदायिक आईबी, एसटीएफ और आईबी के.
ऐसे में हम अवाम से अपील करते हैं कि जिस शिद्दत से वो इस धरने को लू की थपेड़ों से लेकर बारिश के मौसम में भी बरक़रार रखा है वो 16 से शुरु होने वाले रिहाई मंच के विधानसभा पर घेरा डालो-डेरा डालों में भारी तादाद में हक़ और हकूक़ की इस लड़ाई में शामिल होकर इंसाफ की आवाज़ बुलंद करे.
इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि आरडी निमेष रिपोर्ट सिर्फ और सिर्फ मौलाना खालिद और तारिक़ हो ही न्याय नहीं दिलाएगी बल्कि सरकारों, आईबी, एसटीएफ और आईबी की उस मुस्लिम विरोधी मानसिकता को भी सामने लाएगी कि किस तरह किसी मामले में वे किसी भी कश्मीरी को पकड़कर आतंकवाद के नाम पर उसे फर्जी मामलों में फंसाकर जेल में डाल देती हैं. जैसे कश्मीरी होना आतंकी का सर्टीफीकेट होता है.
निमेष कमीशन की रिपोर्ट के आने के बाद पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झा, अमिताभ यश, चिरंजीव नाथ सिन्हा और एस आनंद जैसे अधिकारियों को बताना होगा कि जब तारिक़ और खालिद की गिरफ्तारी ही फर्जी है तो किस आधार पर जम्मू कश्मीर से सज्जादुर्रहमान और अख्तर वानी को पकड़ा गया और पिछले 6 सालों से जेल में सड़ाया जा रहा है.
ठीक इसी तरह आतंकवाद के आरोप में बंद गुलजार वानी भी पिछले एक दशक से जेल में बंद हैं. पूरी जवानी जिस लड़के ने जेल की कोठरी में गुजार दी. बाहर की दुनिया सिर्फ कचहरियों की पेशी तो कभी इस जेल से उस जेल के स्थानांतरण होने पर ही देखी. यह लड़ाई उन सब बेगुनाहों को इंसाफ दिए बगैर रुकने वाली नहीं है.
इस अवामी तहरीक में जिस तरह हजारों की संख्या में लोगों ने रिहाई मंच के धरने के 100वें दिन विधानासभा पर मार्च किया था उसी हौसले के साथ हमको अब ठान लेना चाहिए कि जिस सदन में हमारे मसायल पर बात नहीं होगी, उस सदन को हम नहीं चलने देंगे और जो मुस्लिम विधायक हमारे वोटों की सौदागरी करते हैं उनको आईना दिखा देगें कि अब जज्बातों से नहीं बल्कि मसायल के हल से मिल्लत चुनेगी.
मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारूकी और भारतीय एकता पार्टी के सैय्यद मोईद अहमद ने कहा कि जिस तरह पूरे सूबे में मुस्लिमों पर प्रशासनिक गठजोड़ के साथ संघ गिरोह के लोग हमलावर हो रहे हैं उससे सपा का असली साम्प्रदायिक चेहरा उजागर हो गया है.
उन्होंने कहा कि फैजाबाद में दंगा कराने वाले सपाई हों या अस्थान में 54 मुसलमानों के घर जलवाने वाले रघुराज प्रताप सिंह सभी को सरकार ने दंगे कराने के लिए नवाजा है और पीडि़त परिवार समाजवादी साईकिल पर इंसाफ के पहुंचने की राह देख रहे हैं. डेरा-डालो घेरा डालो सपा की दंगाई राजनीति को उजागर कर देगा.
भागीदारी आंदोलन के पीसी कुरील और पिछड़ा समाज महासभा के एहसानुल हक़ मलिक ने कहा कि सपा का सामाजिक न्याय का नारा धोका साबित हुआ है. जिसे अवाम समझ चुकी है. इसलिए सपा की कब्र खोदने वाले रिहाई मंच के आंदोलन में सभी अमनपसंद लोगों को शिरकत करके अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी का र्निवहन करनी चाहिए.
यूपी की कचहरियों में 2007 में हुए धमाकों में पुलिस तथा आईबी के अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से फंसाए गये मौलाना खालिद मुजाहिद की न्यायिक हिरासत में की गयी हत्या तथा आरडी निमेष कमीशन रिपोर्ट पर कार्रवायी रिपोर्ट के साथ सत्र बुलाकर सदन में रखने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ने की मांग को लेकर रिहाई मंच का धरना गुरुवार को 107वें दिन भी जारी रहा.