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सरकारी उलेमा दंगा पीड़ितों के ज़ख्मों पर छिड़क रहे हैं नमक

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : अनिश्चित कालीन धरने 116वें दिन रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि प्रदेश की अवाम को आगामी 16 सितंबर से होने वाले विधानसभा सत्र का बेसब्री से इंतजार है. रिहाई मंच पिछले चार महीने से मौलाना खालिद के इंसाफ के लिए विधानसभा पर बैठा है कि सरकार आरडी निमेष रिपोर्ट को सदन के पटल पर कार्रवाई रिपोर्ट के साथ रखते हुए दोषी पुलिस व आईबी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करे और तारिक़ कासमी की रिहाई सुनिश्चित करे.

वादे के मुताबिक हम अखिलेश यादव से कहना चाहेंगे कि वो निमेष रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखें और सदन में इस बात पर ज़रुर बहस होनी चाहिए कि आखिर एक मुसलमानों को किन नीतियों के तहत आतंकवाद के आरोप में फर्जी तरीके से फंसाया जाता है. क्योंकि निमेष आयोग रिपोर्ट ने जो चिंता व्यक्त की है वो सिर्फ यूपी ही नहीं पूरे देश के मुस्लिम समुदाय से जुड़ी है. जिसके तहत एक धर्म विशेष के लोगों को सुरक्षा एजेंसियां फर्जी बरामदगी दिखा कर के सालों-साल जेल की सलाखों के पीछे रहने को मजबूर कर देती हैं. निमेष आयोग रिपोर्ट पर जेल में बंद सैकड़ों बेगुनाहों और उनके परिवारों की नज़र है.

Rihai Manch  Indefinite dharna completes 116 Daysइंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि बेगुनाहों की लड़ाई के इस आंदोलन का कल का दिन एक ऐतिहासिक दिन है जब आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों के हक़ में अवाम मशाल लेकर सड़क पर उतरेगी. मशाल अन्धकार को दूर करने के लिए जलाई जाती है. कल के मशाल जुलूस का नाम भी इसीलिए रिहाई मशाल मार्च रखा गया ताकि सांप्रदायिकता के अंधेरे में कैद अवाम को मुक्त कराया जाए.

हम सभी इंसाफ पसंद अवाम से अपील करेंगे की कल शाम 6 बजे विधानसभा पर निकलने वाले इस मशाल जुलूस में बड़ी तादाद में शिरकत करते हुए रिहाई मंच के घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन को सफल बनाए. यह लड़ाई उन बच्चों के लिए है जो या फिर जेलों में बंद हैं या फिर जिन्हें इंसाफ मिलने से पहले ही कत्ल कर दिया तो ऐसे में जब दोनों की हमारे बीच में नहीं हैं तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.

धरने को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय मंच के राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश राज द्वारा अस्थान से लेकर कोसी कलां फैजाबाद और हालिया मुजफ्फर नगर में ठंडे दिमाग से दंगे प्रायोजित कराये गये जिसके परिणाम स्वरूप पूरे सूबे का मुसलमान इन दिनों बेहद सकते में है. यह बेहद शर्मनाक  है कि सपा सरकार मुसलमानों के जख्मों में मरहम लगाने के बजाय सपा के मुस्लिम चेहरे आज़म के मान मनौव्वल में लगी है. पूरे सूबे के अपराधी माफिया सरकार बनने के बाद साइकिल की सवारी कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया को लोक सभा चुनाव के पहले सरकार में शामिल करने को बेताब है. लेकिन मुलायम और अखिलेश को यह बात समझना चाहिए कि सूबे की आवाम उनके वादा फरोश चेहरे को पहचान चुकी है.

इस अवसर पर रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव अऔर शाहनवाज़ आलम ने बताया कि घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन को सफल बनाने के लिए लखनऊ के बिलौजपुरा, पुराना कसाईबाड़ा में जनसंपर्क किया गया तथा आगे भी कई मुहल्लों में आम जनता के बीच रिहाई मंच सरकार की वादा फरामोशी को बेनकाब करता रहेगा.

आज़मगढ़ से आए मुस्लिम मजलिस के नेता शाहआलम शेरवानी ने मुजफ्फरनगर साम्प्रदायिक दंगों पर सरकार के पक्ष में नदवा कालेज के प्रिंसिपल मौलाना सईदुर्रहमान आज़मी और खालिद रशीद फिरंगी महली द्वारा दिए गए बयानों पर आपत्ती करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब मुजफ्फरनगर के पीड़ित मुसलमान खुलकर सपा सरकार पर दंगा कराने का आरोप लगा रहे हैं और वहां जाने वाले सपा नेताओं को भगा दे रहे हैं, इन कथित उलेमाओं के इस तरह के बयान पीड़ितों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसे हैं. ये उलमा जो अपने आप को इस्लाम और उसके पैगम्बर का प्रवक्ता कहते हैं वे चंद पैसों के लिए दंगाई सरकार के भोंपू बन गए हैं. मुसलमानों को आज सपा और भाजपा से कहीं ज्यादा खतरा ऐसे सरकारी उलेमाओं से है.

मो0 इसहाक नदवी ने कहा कि मौजूदा सरकार में प्रदेश के हालात अंग्रेजों के दौर के हालात से मिलते जुलते हैं, और उन्हीं के फार्मूले -लड़ाओ और हुकूमत करो- पर अमल किया जा रहा है. मुसलामनों को शिया सुन्नी, देवबंदी, बरेलवी में बांट कर तो देश की जनता को हिन्दू मुस्लिम में बांट कर लड़ाने और घोटालों पर घोटाले करके देश की दौलत को लूटने का काम जारी है. समाजवाद के नाम पर गुंडाराज कायम है. जनता को माओवादी और आतंकवादी जैसे नामों से भयभीत करके उनके मूल अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने के कहा कि इन लोकतंत्र विरोधी नीतियों का परदाफाश करने के लिए जब रिहाई मंच के इंसाफ पसन्द हिन्दू-मुस्लिम रहनुमा जनता को जागरूक कर रहे हैं और जनता के हितों के लिए चार माह से धरने पर बैठे हैं तो इस जालिम हुकूमत की नींद हराम हो गयी है और उसने फिर अंगेजों के फार्मूले को अपनाते हुए अपने दरबारी उलेमाओं को काम पर लगा दिया है जो अपने निजी फायदों के लिए दंगाई सरकार को सेक्यूलर साबित करने की शर्मनाक कोशिशों में लगे हैं.

अब्दुल हलीम सिद्दीकी ने कहा कि अब जनता विशेष कर मुसलमानों के लिए फैसले का वक्त आ गया है जब उन्होंने खुली आंखो इन झूठे खुदाओं की बेबसी देख ली है तो वे देश को इस मुसीबत से बचाने और अमन व इंसाफ कायम करने के लिए रिहाई मंच के साथ आएं और 15 सितंबर को रिहाई मशाल मार्च में शामिल हों.

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