BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: आख़िर क्या हुआ था मुज़फ़्फ़रनगर के कवाल गाँव में?
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > आख़िर क्या हुआ था मुज़फ़्फ़रनगर के कवाल गाँव में?
IndiaLead

आख़िर क्या हुआ था मुज़फ़्फ़रनगर के कवाल गाँव में?

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published September 16, 2013
Share
8 Min Read
SHARE

BeyondHeadlines News Desk

मुज़फ़्फ़रनगर के जानसठ कस्बे से करीब तीन किलोमीटर दूर है कवाल गाँव. करीब 15 हज़ार की आबादी के इस गाँव में हिंदू-मुसलमान हमेशा ही अमन चैन से रहते आए हैं. 27 अगस्त को कवाल गाँव के शाहनवाज़ नाम के एक युवक का करीब दो किलोमीटर दूर स्थित मलिकपुरा गाँव के एक जाट युवक गौरव से रास्ते में किसी बात को लेकर विवाद हो गया (मीडिया और अफ़वाहों में इसे छेड़खानी की घटना से जुड़ा बताया गया है लेकिन ऐसा कोई भी तथ्य अभी तक सामने नहीं आया है जिसके आधार पर छेड़खानी होने की पुष्टि की जा सके. उत्तर प्रदेश के आईजी क़ानून व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा के मुताबिक़ छेड़खानी की घटना की पुष्टि नहीं की जा सकती है.) ये विवाद बढ़ गया और उसी दिन दोपहर करीब एक बजे गौरव अपने रिश्ते के भाई सचिन के साथ कवाल गाँव के चौक पर पहुँचा.

बहस ने हाथापाई का रूप ले लिया और गौरव और सचिन ने शाहनवाज़ को चाकू मार दिया. घायल शाहनवाज़ ने कुछ ही देर में दम तोड़ दिया. यह कवाल गाँव के मध्य स्थित चौराहे की घटना है. गौरव और सचिन मौके से फ़रार होने में नाकामयाब रहे और भीड़ ने उन दोनों की वहीं पीट-पीटकर और धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी.

तीन युवकों की मौत के बाद मुज़फ़्फ़रनगर के बड़े प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँचे और मृतकों के परिजनों को निष्पक्ष जाँच का भरोसा दिया.

muzaffarnagar communal riotsअब तक यह दो पक्षों के बीच झगड़े में हुई हत्या का मामला था. पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज कर ली. इसमें शाहनवाज़ की हत्या के आरोप में गौरव और सचिन के परिजनों को भी आरोपी बनाया गया. साथ ही मुजफ्फरनगर के डीएम और एसपी मंजुल सैनी का तबादला कर दिया गया.

मारे गए हिंदू युवकों के परिजनों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किए जाने और शीर्ष अधिकारियों के तबादले को हिंदू समाज के लोगों ने पक्षपातपूर्ण रवैये के रूप में देखा.

अगले दिन के अख़बार में मारे गए दोनों युवकों की वीभत्स तस्वीर प्रकाशित हुई साथ ही इस बात को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया कि बहन से छेड़खानी का विरोध करने पर उनकी हत्या की गई. इससे हिंदू समाज में गुस्सा और भड़क गया.

इसी बीच युवकों की मौत का एक फर्जी वीडियो भाजपा विधयाक संगीत सोम की ओर से जारी कर दिया गया. यह वीडियो स्थानीय लोगों के मोबाइल में पहुँच गया. इस वीडियो को देखकर लोगों में रोष और बढ़ गया. स्थानीय नेताओं की सक्रियता ने इस मुद्दे पर हिंदू और मुसलमानों के एक दूसरे के विपरीत खड़ा कर दिया.

घटना के विरोध में हिंदू समुदाय ने छोटी-छोटी जनसभाएं की. 30 अगस्त को बसपा सांसद कादिर राणा की अध्यक्षता में मुसलिम समुदाय ने एक जनसभा की. वहीं 31 अगस्त को हिंदू समुदाय की एक और विशाल जनसभा हुई.

हर गुजरते दिन के साथ आक्रोश और बढ़ता गया. 5 सितंबर को भाजपा ने मुज़फ्फरनगर बंद रखा. घटना के करीब एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से अफ़वाहों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया.

छेड़छाड़ की घटना की पुष्टि हुए बिना ही 7 सितंबर को राजनीतिक दलों के सहयोग से खाप पंचायतों ने बेटी बचाओ जनसभा रखी जिसमें भारी तादाद में लोग पहुँचे. पंचायत में जा रही भीड़ द्वारा एक मुस्लिम परिवार की कार को आग के हवाले कर देने और एक अन्य परिवार से  मारपीट की घटना की खबर के बाद पंचायत में आ रहे लोगों पर बसी गाँव में हमला हुआ. इसके बाद पंचायत स्थल पर  ही एक मुस्लिम युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. यह खबर शहर पहुँचने पर तनाव व्याप्त हो गया और दोनों ही  समुदाय आमने सामने आ गए.

सोशल मीडिया के ज़रिए फ़ैलाई जा रही तरह तरह की अफ़वाहों के कारण माहौल और अराजक हो गया. लोग अफ़वाहों पर भरोसा कर एक दूसरे पर हमला करने लगे. कई गाँवों में भारी हिंसा हुई.

इस पूरे प्रकरण से दो बिंदू स्पष्ट होते हैं, पहला तो स्थानीय प्रशासन हालात को भाँपने में नाकाम रहा और दूसरा नेताओं ने नियोजित तरीके से अफ़वाहें फैलाकर लोगों को एक दूसरे के विरुद्ध कर दिया.

अभी न सिर्फ मुज़फ्फरनगर बल्कि समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोटों का ध्रवीकरण कर दिया गया है. एक मामूली बात से भड़की सांप्रदायिकता की आग में महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी जैसे मुद्दे दब गए हैं. प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक दस हजार से अधिक लोग सरकारी शरणार्थी कैंपों में रह रहे है जबकि लाखों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.

मारे गए हिंदू युवकों के पिता ने कहा, ”हमारा आम आवाम से कोई झगड़ा नहीं है, हम नहीं चाहते की ख़ूनख़राबा हो या कोई नाहक़ मारा जाए. हमारे बच्चों की लाशें पड़ी थी और हम लोगों से ग़ुस्से पर क़ाबू करने की अपील कर रहे थे. हमने कहा कि जो हमारे साथ होना था हो गया. जो हमारे बच्चे मर गए वे मर गए, अब कहीं और किसी बेगुनाह को मारने-मरवाने से क्या होगा? शांति में ही सबका फ़ायदा है.”

दो पक्षों, जो पहले से एक दूसरे को जानते भी नहीं थे, के बीच हुई मामलू झड़प के एक व्यापक दंगे का रूप लेने के पीछे सोची समझी साज़िश नज़र आती है. ऐसा प्रतीत होता है कि दंगा कराने की तैयारियाँ पहले ही कर ली गईं थी बस किसी मौके का इंतज़ार था.

कवाल की घटना को उस मौके के रूप में इस्तेमाल किया गया. इससे एक बात और स्पष्ट होती है कि सांप्रदायिक साजिशों को नाकाम करने में अभी तक यूपी सरकार पूरी तरह नाकाम रही है. यह सिर्फ प्रशासनिक नाकामी ही नहीं बल्कि एक सोची समझी रणनीति भी हो सकती है.

दंगों की आग में जनता के मुद्दे जल गए हैं और नेताओं के सांप्रदायिक एजेंडे हावी हो गए हैं. ऐसे में जनता के पास सिर्फ एक ही विकल्प बचता है कि वे किसी भी तरह की अफ़वाहों पर ध्यान न दे और अपने विवेक से काम ले. क्योंकि मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा की ज्यादातर घटनाओं अफवाहों की प्रतिक्रिया में हुई हैं.

TAGGED:real story of muzaffar nagarwhat happens in muzaffarnagar
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?