BeyondHeadlines News Desk
शामली/मुजफ्फरनगर: मुस्लिम विरोधी जनसंहार के शिकार गांव कुटबा-कुटबी के एक दंगाई के मोबाइल चिप में रिकार्ड बात-चीत का विवरण मीडिया में जारी करते हुये मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत में हुये साम्प्रदायिक हिंसा की सीबीआई जांच की मांग की है.
मंच ने जारी बयान में कहा है कि उसके पास ऐसे कई साक्ष्य मौजूद हैं जो साबित करते हैं कि मुस्लिमों का जनसंहार सुनियोजित षडयंत्र के तहत हुआ और अब किस तरह सुबूतों को छुपाने की कोशिश प्रशासनिक अमले द्वारा दंगाईयों को बचाने के लिए किया जा रहा है. मंच ने कहा है कि वह जल्द ही इन तथ्यों को उचित प्लेटफार्म पर रखेगा. यहां से जारी बयान में जांच दल के सदस्यों आवामी काउंसिल फॉर डेमोकेसी एंड पीस के महासचिव असद हयात, राजीव यादव, शाहनवाज़ आलम और गुफरान सिद्दीकी ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रशासनिक अमला खुद इस षडयंत्र में शामिल रहा है, इसलिए राज्य सरकार की तरफ से कराई जाने वाली जांच का कोई औचित्य नहीं है.
रिहाई मंच जांच दल के सदस्यों ने इस हिंसा में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गांवों में से एक कुटबा-कुटबी जहां आठ मुसलमानों की निर्मम हत्या कर दी गयी, के एक दंगाई के मोबाइल चिप में रिकार्ड बातचीत के व्यौरे के आधार पर सीबीआई जांच की मांग की है. फोन रिकार्ड में दर्ज बातचीत में दंगाई आपस में मुसलमानों को मारने उनके घरों को जलाने के साथ साथ पीएसी/सीआरपीएफ के गांवो में थोड़ी देर से आने का जिक्र करते हुए कह रहे हैं कि किस तरह पीएसी को गांव में देर से आने के लिए तैयार किया गया ताकि उन्हे मुसलमानों को काटने और जलाने का पर्याप्त समय मिल सके.
रिहाई मंच ने जारी बयान में कहा कि इन गांव के हिंसा पीडि़त कई मुसलमानों ने उन्हें बताया कि इसी गांव के रहने वाले मुंबई एटीएस के चीफ के पी रघुवंशी के परिवार के दो सदस्यों पिन्टू और नीटू खतरनाक और अत्याधुनिक हथियारों जैसा कि फिल्मों में दिखता है (संभवतः एके 56 या एके 47) से लैस होकर दहशत फैला रहे थे.
रिहाई मंच जांच दल ने कहा कि दंगाइयों से प्राप्त ऑडियो रिकार्ड में भी एक लड़की जिसका नम्बर 9917731428 है ने 8 सितंबर, 2013 यानि जनसंहार के दिन मोबाइल इस्तेमाल करने वाले युवक से जिसका नाम अनुज है, से बताया कि उसने ‘अंकल’ से बात करके पीएसी को गांव में देर से जाने के लिए तैयार किया था. रि
हाई मंच ने मांग की कि यह लड़की किसे ‘अंकल’ कह रही है इसकी जांच होनी चाहिए. रिहाई मंच के अध्यक्ष और एडवोकेट मोहम्मद शुऐब और हरे राम मिश्र ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुसलमानों को फंसाने के लिए बदनाम और मालेगांव, मक्का मस्जिद और समझौता एक्सप्रेस जैसे विस्फोटों के मास्टर माइंड कर्नल पुरोहित के नजदीकी के.पी.रघुवंशी के गांव कुटबा-कुटबी में ही इस मुस्लिम विरोधी हिंसा में अहम भूमिका निभाने वाले हिन्दुत्ववादी संगठन संघ शक्ति का सक्रिय रहना साबित करता है कि इसमें आला अफसरशाही और हिंदुत्व का गठजोड़ अहम था. उन्होंने कहा कि इसमें केपी रघुवंशी की भूमिका की जांच होनी चाहिए और पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए.