BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: मुसलमानों पर आतंकी का ठप्पा लगाने वाली खुफिया एजेंसियों के प्रचारक हैं राहुल गांधी
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > India > मुसलमानों पर आतंकी का ठप्पा लगाने वाली खुफिया एजेंसियों के प्रचारक हैं राहुल गांधी
IndiaLead

मुसलमानों पर आतंकी का ठप्पा लगाने वाली खुफिया एजेंसियों के प्रचारक हैं राहुल गांधी

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published October 25, 2013 1 View
Share
9 Min Read
SHARE

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने राहुल गांधी द्वारा इंदौर में यूपी के मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा में पीड़ित मुस्लिम युवकों से आईएसआई द्वारा संपर्क जैसे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने वाले बयान पर राहुल गांधी की संसद सदस्यता खारिज करने की मांग की. रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि राहुल गांधी का बयान देश की आंतरिक व वाह्य सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, तथा देश की खुफिया एजेंसियों पर राहुल गांधी समेत तमाम राजनीतिज्ञों के प्रभाव की भी तस्दीक करता है, ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राहुल गांधी व उक्त खुफिया अधिकारी के बीच संबन्धों की जांच एनआईए द्वारा कराई जाए कि कैसे जो सूचना सिर्फ गृह मंत्रालय के पास होनी चाहिए, वह पहले राहुल गांधी तक पहुंच रही है. यह देश की खुफिया सूचनाओं के लीक होने का बड़ा मामला है.

rahul-gandhi_36इससे यह भी साबित होता है कि ऐसी सूचनाओं को राहुल गांधी व अन्य प्रभावशाली राजनीतिज्ञ प्रभावित भी करते रहे होंगे, जिनका इस्तेमाल देश में मुसलमानों के खिलाफ किया जा रहा है. जिस तरीके से कांग्रेस कुनबे के लोग कह रहे हैं कि मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा से पीड़ितों से मिलने के दौरान लोगों ने राहुल गांधी को बताया तो इस पूरे प्रकरण पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व सोनिया गांधी को बताना चाहिए क्योंकि वो लोग भी मुजफ्फरनगर गए थे.

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव व गुफरान सिद्दीकी ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से समझा जा सकता है कि वे खुफिया एजेंसियों के इस दुष्प्रचार से सहमत नज़र आ रहे हैं कि आतंकवादी तत्व सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों का अपने हित में उपयोग करने की कोशिश करते हैं. राहुल का यह वक्तव्य संघ के इस तर्क को पुष्टि करता है कि दंगों के बाद आतंकवादी बनते हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान वास्तव में संघ की भाषा का घोर प्रतिनिधित्व करता हैं, जिस तरह से संघ के लोग हमेशा से यह कहते आये हैं कि इस देश में आतंकवादी तत्वों का उभार इस लिए हुआ क्योंकि गुजरात के दंगे हुए थे और इन दंगों की प्रतिक्रिया में कई मुस्लिम नौजवान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मारने आए थे. इसी आधार पर ही फासीवादी ताक़तें गुजरात में हुए कई फर्जी एनकाउंटरों जैसे इशरत जहां, सोहराबुद्दीन समेत कई अन्यों की पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों द्वारा की गयी सुनियोजित हत्या को जायज ठहराते हैं.

हरेराम मिश्र ने सवाल किया कि आखिर राहुल गांधी का संवैधानिक अधिकार क्या है और किस अधिकार से खुफिया के बड़े अधिकारी उन्हें ब्रीफ कर रहे हैं, यह बात साफ होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी महज़ एक कांग्रेसी सांसद हैं और उनका कोई संवैधानिक पद नहीं है. राहुल गांधी को उस अधिकारी का नाम सार्वजनिक करना चाहिए. खुफिया के बड़े अधिकारी गृह मंत्रालय के मंत्री और सचिव को ब्रीफ करते हैं और अगर वो ऐसा कर रहे हैं तो यह राज्य व अवाम के खिलाफ षडयंत्र का गंभीर मसला है. सिर्फ गांधी-नेहरु परिवार में पैदा होने के नाते राहुल गांधी देश व संविधान से ऊपर नहीं हो सकते, जो उन्हें देश की खुफिया एजेंसियां ब्रीफ करें. मंच ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का यह बयान प्रकारांतर से दोषी जाटों को बचाने की एक कुत्सित चाल है.

सामाजिक संगठन आवामी काउंसिल फॉर पीस एण्ड डेमोक्रेसी के महासचिव असद हयात ने कहा कि राहुल गांधी जैसे नेतृत्व को उस अधिकारी का नाम भी सार्वजनिक करना चाहिए जिसने उनसे यह बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान सांप्रदायिक हिंसा में पीडि़त मुसलमानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है. इस मुश्किल दौर में उनकी देश भक्ति पर संदेह कर राहुल गांधी दरअसल हिन्दुत्व कार्ड खेल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अपनी बात से वे सांप्रदायिक हिन्दुओं का तुष्टीकरण कर रहे हैं और इस बयान के बहाने भाजपा के ध्रुवीकरण में सेंध लगाने का एक प्रयास कर रहे हैं. वास्तव में यह डराने की राजनीति है और कांग्रेस हमेशा से ऐसी राजनीति करती आयी है. राहुल गांधी बताएं कि कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक मुसलमानों का जन संहार करने के लिए एकजुट हुए जाटों की महापंचायत में क्या करने गए थे? तो वहीं उनके पुत्र और कांग्रेस के विधायक पंकज मलिक पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के दौरान जाटों को हथियार बंद किया था. अब इसी राजनीति को भाजपा गुजरात में प्रयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करने से हिन्दू और मुसलमानों के बीच अविश्वास बढ़ता है जो सांप्रदायिक ताक़तों समेत स्वयं कांग्रेस के हित में है.

आज़मगढ़ से जारी बयान में रिहाई मंच आज़मगढ़ के प्रभारी मसीहुउद्दीन संजरी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राहुल गांधी का यह वक्तव्य मुसलमानों के खिलाफ काफी पहले से चल रहे अभियान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इससे पहले आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार किये गये बेगुनाह मुस्लिम युवकों पर एक बड़ा आरोप यह हुआ करता था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस, गुजरात दंगे या इसी प्रकार की किसी घटना का वो बदला लेना चाहते थे. मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुसलमानों को बदनाम करने वाले प्रसार माध्यमों और भगवा खेमों द्वारा इस प्रकार के भ्रामक प्रचार किए जा रहे थे, जिसे उस दौरान की खबरों में साफ देखा जा सकता है.

जब मुजफ्फरनगर मुसलमानों को मारा-काटा जा रहा था तो उसी वक्त कुछ संचार माध्यम इस बात की अफवाह भी उड़ा रहे थे कि मुजफ्फनगर कांड में यासीन भटकल का हाथ, जो की बहुत ही हास्यास्पद था. राहुल गांधी के इस बयान ने अब साफ कर दिया है कि अपने आपको सेक्यूलर कहने वाले कुनबे भी न केवल इस तरह के अभियान का हिस्सा हैं बल्कि सांप्रदायिक हिंसा के बाद पीडि़तों की मदद करने वालों में इसी तरह का भय पैदा करके पीडि़तों को असहाय और अलग थलग रखने की साजिश रच रहे हैं. वास्तव में राहुल गांधी का बयान सांप्रदायिक मानसिकता का घोर पोषण करता है.

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव ने बताया कि आज रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने राहुल गांधी द्वारा कल इंदौर में मुसलमानों की छवि धूमिल करने के लिए दिए बयान पर नोटिस भेजा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी ने इंदौर की अपनी जनसभा में जानबूझकर देश के मुसलमानों को बदनाम करने, अपमानित करने और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से कहा है कि मुज़फ्फरनगर के दंगा पीडि़तों के संपर्क में रहकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उन्हें भड़का रही है और उनको यह सूचना देने वाला खुफिया अधिकारी उन दंगा पीडि़त मुस्लिम नौजवानों को समझाने में लगा है, जबकि राहुल गांधी द्वारा उस खुफिया अधिकारी के संबन्ध में उसकी कोई पहचान नहीं बताई गई है.

इससे पहले राजस्थान की कई मिटिगों में उन्होंने यह कहकर कि बहुत सारे मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान जाना चाहते हैं, बयान प्रसारित करके देश के मुसलमानों को डराकर अपमानित कर देशद्रोही साबित करने का प्रयास किया है. इस नोटिस के माध्यम से राहुल गांधी को कहा गया है कि अगर 7 दिनों के भीतर वो इसका जवाब नहीं देते हैं तो विधिक कार्यवाई की जाएगी.

TAGGED:notice to rahul gandhi
Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

ExclusiveHaj FactsIndiaYoung Indian

The Truth About Haj and Government Funding: A Manufactured Controversy

June 7, 2025
EducationIndiaYoung Indian

30 Muslim Candidates Selected in UPSC, List is here…

May 8, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

OLX Seller Makes Communal Remarks on Buyer’s Religion, Shows Hatred Towards Muslims; Police Complaint Filed

May 13, 2025
IndiaLatest NewsLeadYoung Indian

Shiv Bhakts Make Mahashivratri Night of Horror for Muslims Across India!

March 4, 2025
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?