Edit/Op-Ed

मोदी की निजी ज़िंदगी पर सवाल…

Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

cobrapost.com और gulail.com के ख़ुलासे के जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने जासूसी का शिकार हुई लड़की के पिता का बयान पेश किया. इस बयान के मुताबिक बेंगलोर की रहने वाली मानसी सोनी के पिता ने ही नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी पर नज़र रखने के लिए कहा था ताकि उनकी बेटी महफूज़ रहे.

शुक्रवार को कोबरा पोस्ट और गुलेल डॉट कॉम की प्रेस कांफ्रेंस में नरेंद्र मोदी का न ही नाम लिया गया था और न ही उनकी बारे में कोई सबूत ही पेश किया गया था. जो ऑडियो संवाद पेश किया गया था उसमें अमित शाह खुफ़िया अधिकारी को किसी ‘साहिब’ के आदेश सुना रहे थे.

भाजपा की दलील के बाद यह लगभग साफ़ हो गया है कि अमित शाह के साहिब कोई और नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी ही हैं. यानी भारतीय जनता पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के आदेश पर ही मानसी सोनी की ख़ुफ़िया जासूसी की गई.

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि नरेंद्र मोदी ने पेशे से आर्किटेक्ट मानसी की जासूसी क्यों करवाई. आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा द्वारा पेश किए गए हलफ़नामे में इस सवाल के जवाब मिलते हैं.

प्रदीप शर्मा के हलफ़नामे के मुताबिक साल 2005 में कच्छ ज़िले में हुए एक कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र मोदी की मुलाक़ात मानसी से हुई थी. हलफ़नामे के मुताबिक मानसी सोनी ने नरेंद्र मोदी से अपनी नज़दीकी के बारे में प्रदीप शर्मा को अवगत कराया था.

प्रदीप शर्मा ने नरेंद्र मोदी और मानसी के बीच का संवाद भी सुना जो दोनों के बीच के करीबी रिश्तों का प्रमाण था. इसके बाद मानसी ने प्रदीप शर्मा को बताया कि वो जब भी नरेंद्र मोदी से मिलने जातीं तो मोदी सारा काम छोड़कर उससे अकेले में मिलते.

हलफ़नामे के मुताबिक मार्च 2006 में मानसी ने फ़ोन के ज़रिए प्रदीप शर्मा को बताया कि वह अहमदाबाद पहुँची हैं और भुज जा रही हैं. प्रदीप शर्मा ने मानसी के मोबाइल पर फ़ोन किया लेकिन उनका फ़ोन अगले 48 घंटों तक बंद रहा. दो दिन बाद सुबह के करीब 11 बजे मानसी ने प्रदीप शर्मा को फ़ोन करके बताया कि वह दो दिन से नरेंद्र मोदी के घर पर थीं. इसके बाद मानसी ने प्रदीप शर्मा से मुलाक़ात की और नरेंद्र मोदी के साथ बिताए वक़्त के बारे में बताया.

मानसी सोनी ने बताया कि होली का दिन होने के कारण मोदी से मिलने के लिए बहुत से लोग आए. नरेंद्र मोदी कुछ समय के लिए लोगों से मिले और फिर अपने क्वार्टर में उसके पास लौट आए. इसी बीच मानसी को बुख़ार हो गया और उन्होंने डॉक्टर बुलाने का आग्रह किया लेकिन मोदी ने बताया कि डॉक्टर को बुलाना संभव नहीं है. मानसी अगले ही दिन मोदी द्वारा भेजी गई कार से वडोदरा चली गईं.

नवंबर 2008 में जब प्रदीप शर्मा भावनगर के नगर आयुक्त थे तब मानसी ने उनसे संपर्क किया और बताया कि मोदी चाहते हैं कि वह अलंग शिपयार्ड का काम करें. हलफ़नामे के मुताबिक मानसी भावनगर आ गईं और इस दौरान वह लगातार नरेंद्र मोदी के संपर्क में रहीं. मानसी ने प्रदीप शर्मा के एक टेक्स्ट मैसेज भी दिखाया जो मोदी ने उन्हें विदेश से भेजा था. यह संदेश मोबाइल नंबर 9909923400 से भेजा गया था.

इसी दौरान प्रदीप शर्मा को एक अज्ञाक व्यक्ति द्वारा भेजा गया पत्र प्राप्त हुआ जिसमें बताया गया था कि इंटरनेट पर मानसी सोनी का सेक्स वीडियो उपलब्ध है. इस पत्र में यह सलाह भी दी गई थी कि गुजरात सरकार के अधिकारी होने के नाते उन्हें मानसी के संपर्क में नहीं रहना चाहिए.

हलफ़नामे में यह भी बताया गया कि प्रदीप शर्मा ने मानसी सोनी का एक ऐसा वीडियो देखा भी. प्रदीप शर्मा का मानना है कि नरेंद्र मोदी को यह लगा होगा कि मानसी के सेक्स वीडियो में वे स्वयं दिख रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने मानसी और प्रदीप शर्मा की जासूसी करवाई.

जो ऑडियो संवाद कोबरा पोस्ट और गुलेल डॉट कॉम द्वारा जारी किया गया है उसमें अमित शाह ख़ुफ़िया अधिकारियों को प्रदीप शर्मा और मानसी की हर गतिविधी पर नज़र रखने का आदेश दे रहे हैं. अमित शाह ख़ुफ़िया अधिकारियों से प्रदीप शर्मा को जेल में डालने के लिए भी कहते हैं.

प्रदीप शर्मा को भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल भेज भी दिया गया था. बाद में वे जमानत पर रिहा हुए.

अब सवाल यह उठता है कि क्या गुजरात सरकार के एक आईएएस अधिकारी द्वारा पेश किए गए हलफ़नामे के तथ्यों को सही माना जाए? यदि ये तथ्य सही हैं तो फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं.

ग़ौर करने वाली एक बात यह भी है कि हाल ही में एक भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र सरकार उनके ख़िलाफ़ सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है. नरेंद्र मोदी के मुँह से निकले इस आरोप को उस समय किसी ने गंभीरता से नहीं लिया था. लेकिन अमित शाह जासूसी प्रकरण के सामने आने के बाद यह कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी को पता था कि सीबीआई के पास उनकी निजी ज़िंदगी से जुड़े कुछ दस्तावेज़ हैं.

इस मामले का चौंकाने वाला सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है. लेकिन इस सच से भी ज़्यादा चौंका रही है नरेंद्र मोदी भक्तों की नैतिकता. बात-बात पर भारतीयता की दुहाई देने वाले मोदी भक़्त यह नहीं बता पा रहे हैं कि एक लड़की की जासूसी करवाकर मोदी कौन सा भारतीय धर्म निभा रहे थे?

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