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दिल्ली में 19 लाख 71 हज़ार वोटर्स चाहते थे कांग्रेस की सरकार

BeyondHeadlines News Desk

दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों में भले ही कांग्रेस की कहानी खत्म हो गई हो, और सिर्फ 08 सीटों पर ही अपनी जीत दर्ज करा पाई हो, लेकिन यही परिणाम यह भी बताते हैं कि दिल्ली के 19 लाख 71 हज़ार 620 वोटर्स दिल्ली में कांग्रेस की सरकार चाहते थे. वहीं 23 लाख 59 हज़ार 184 वोटर्स दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं. और दिल्ली में सबसे अधिक सीटें लाने वाली भारतीय जनता पार्टी के डॉ. हर्षवर्धन 26 लाख 06 हज़ार 070 वोटर्स की पसंद हैं.

अब अगर पिछले यानी 2008 विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस 43 सीटें लाकर पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही थी. उस समय दिल्ली के 24 लाख, 89 हज़ार 816 वोटरों ने उन्हें वोट दिया था. वहीं भारतीय जनता पार्टी इस विधानसभा चुनाव में मात्र 23 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी और उन्हें दिल्ली के 22 लाख 44 हज़ार 629 वोटरों ने पसंद किया था.

इस तरह अगर देखा जाए तो मात्र 3 लाख 61 हज़ार वोटर्स ही भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े हैं. तो कांग्रेस पार्टी से 5 लाख 81 हज़ार वोटरों का मोहभंग हुआ है. लेकिन इस मोहभंग से कांग्रेस को पीरे 35 सीटों का नुक़सान हो गया. और इसका सीधा-सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ है. इसके साथ ही बढ़े हुए वोट प्रतिशत का सारा फायदा भी आम आदमी को ही हुआ है.

यही नहीं, दिल्ली के तकरीबन 50 हज़ार वोटरों को न कांग्रेस पसंद है, न भाजपा और न ही आम आदमी पार्टी… इसीलिए इन्होंने इस चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी ‘नोटा’ बटन का प्रयोग किया है.

स्पष्ट रहे कि 28 सीटें हासिल करने के बाद भी आप ने साफ कर दिया किया है कि वह न तो किसी पार्टी का समर्थन करेगी और न ही किसी से समर्थन लेगी. यानी आम आदमी पार्टी के शानदार प्रदर्शन ने भारतीय जनता पार्टी के अरमानों पर भी पानी फेर दिया है. उधर, बहुमत के आंकड़े से महज चार अंक पीछे रह जाने के बाद रविवार देर रात भाजपा ने भी सरकार बनाने का दावा न करने का फैसला किया है.

भाजपा नेता हर्षवर्धन ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है और उनकी पार्टी विपक्ष में बैठेगी. इस हालत में साफ हो गया है कि दोबारा चुनाव होने तक दिल्ली में उप-राज्यपाल नजीब जंग सरकार चलाएंगे. नतीजों के एलान के साथ ही नजीब जंग ने चौथी विधानसभा भंग कर चुके हैं.

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