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खुर्शीद अनवर के काले करतूतों की कहानी…

Abhishek Upadhyay

16 दिसंबर 2012 के गैंगरेप की शिकार दामिनी या निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए उठी आवाजों का प्रतीक बनकर उभरी थी ये लड़की.  ये वो लड़की है, जो इस पूरे आंदोलन का सबसे जाना पहचाना चेहरा थी. विरोध की गवाह थी… जिन्हें भी वो दौर याद होगा, जब पूरा देश दामिनी को इंसाफ के लिए उबल रहा था, वो इस चेहरे को नहीं भूले होंगे. मगर तीन महीने पहले ये लड़की खुद इसी दिल्ली में बलात्कार का शिकार हुई.

बलात्कार का आरोप है, इंस्टीट्यूट फार सोशल डेमोक्रेसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर खुर्शीद अनवर पर… उन सभी का आभारी हूं जिन्होंने इस लड़की को इंसाफ दिलाने की कोशिश की. खास तौर पर आल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमेन एसोसिएशन की कविता कृष्णन का जिनकी पहल पर खुद खुर्शीद अनवर के एनजीओ के कुछ बोर्ड मेंबर्स ने अपने ही एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के खिलाफ जांच शुरु की. इस जांच कमेटी से खुर्शीद अनवर को अलग कर दिया गया.

26 नवंबर 2013 को बाकायदा इस लड़की को एनजीओ के 6 बोर्ड मेंबर्स की ओर से चिट्ठी भेजी गई. उससे पूछा गया कि क्या वह अपनी उस वीडिया टेस्टिमनी पर कायम है, जो उसने डरकर दिल्ली छोड़ने से पहले दी थी. सलाम इस लड़की को जिसने हमारे सामने आकर पूरी हिम्मत से कहा कि वो अपनी टेस्टिमनी की एक एक बात पर कायम है. सलाम इस्टीट्यूट फार सोशल डेमोक्रेसी की उन तीन महिला सदस्यों को जिन्होंने खुर्शीद अनवर के इन हालातों में अपने पद पर बने रहने के खिलाफ इस एनजीओ से इस्तीफा दे दिया. मधु किश्वर जिन्होंने इस लड़की की वीडियो टेस्टिमनी दर्ज की. राष्ट्रीय महिला आयोग जिसने दिल्ली पुलिस को 48 घंटे में एक्शन लेने का निर्देश दिया.

अब एफआईआर दर्ज हो चुकी है. आईपीसी की धारा 376 और 328 के तहत. मामला कानून के मुताबिक तय होगा और यही चाहिए था. एक गुजारिश है कि कृपया सोशल मीडिया पर इसे लेकर अपने अपने अहम की लड़ाई न लडें. इस लड़की का पहले ही बहुत नुक़सान हो चुका है. नुक़सान दोनो ही पक्षों ने किया है. उन्होंने भी जो कथित तौर पर इसके पक्ष मे मुहिम चलाकर सिर्फ दूसरे खेमे से हिसाब चुकता करने के लिए तड़प रहे थे और उन्होंने तो खास तौर पर जो सोशल मीडिया पर बिन बाप की और कर्ज में डूबे परिवार की इस लड़की को झूठा साबित करने के लिए जमीन आसमान एक किए हुए थे.

अहम की लड़ाई के इस शोर में और एक दूसरे पर कीचड़ उछालने की रस्साकशी में ये लड़की सिर्फ मोहरा बनकर रह गई. कृपया अपनी ताक़त इस खेल में न लगाएं. एक कानूनी प्रक्रिया शुरु हुई है. दुआ करें कि ये प्रक्रिया अंजाम तक पहुंचे. ये लड़की किसी मेट्रोपोलिटन सिटी की चमकदार गलियों से नहीं आती है, ऐसे में इसकी आवाज़ का वजन वैसे ही हल्का दिखता है, कृपया इसे और हल्का करने की कोशिश न करे.

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