BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच ने आज लाटूश रोड स्थित कार्यालय पर बैठक कर कल से शुरु होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा सत्र में सपा सरकार से मांग की है कि वह तारिक़ कासमी और मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद को बेगुनाह साबित करने वाली निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर अमल, मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा की सीबीआई जांच, व आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम युवकों को छोड़ने के वादे को पूरा करे. रिहाई मंच इन सभी मुद्दों को लेकर कल से प्रदेश व्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरु कर रहा है.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 4 जून को निमेष कमीशन की उस रिपोर्ट जिसे 31 अगस्त 2012 को ही जस्टिस निमेष ने सरकार को सौंप दिया था, को स्वीकारते हुए मानसून सत्र में अमल करने को कहा था पर सरकार ने आधे-अधूरे मन से सिर्फ रिपोर्ट को सार्वजनिक किया. रिपोर्ट पर अमल न करने की वजह से आज भी मौलाना खालिद मुजाहिद को इंसाफ नहीं मिल सका और उन्हें फंसाने और बाद में हत्या कर देने वाले पुलिस व आईबी अधिकारी खुलेआम घूम रहे हैं और बेगुनाह आज़मगढ़ के तारिक़ कासमी के साथ इसी केस में फंसाए गए कश्मीर के सज्जादुर्रहमान वानी और अख्तर वानी को जेल में सड़ाया जा रहा है. सपा सरकार ने दोषी पुलिस अधिकारियों को सजा के बजाए मुज़फ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के बाद खालिद मुजाहिद के कत्ल के नामजद अभियुक्त मनोज कुमार झा को विवेचना का जिम्मा देकर पुरस्कृत किया. ऐसे में आज जब मौलाना खालिद हमारे बीच नहीं हैं तो उन्हें इंसाफ दिलाने का जिम्मा इंसाफ पसन्द अवाम का है और हम तब तक लड़ेंगे जब तक कि मौलाना खालिद व उनके जैसे तमाम बेगुनाहों को इंसाफ नहीं मिल जाता.
बैठक में उपस्थित इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पीसी कुरील, अंबेडकर नेशनल कांग्रेस के फरीद खान, भारतीय एकता पार्टी के सैय्यद मोइद, मुस्लिम मजलिस के नेता जैद फारुकी ने कहा कि आज जब इस सपा सरकार के पूरे कार्यकाल में मुस्लिम विरोधी दंगों का एक नया रक्त-रंजित इतिहास लिखा जा रहा है और भाजपा, बजरंग दल, हिंदू युवा वाहिनी सरीखे संगठनों को खुली छूट दे रखी है ऐसे में अपने को मुस्लिम रहनुमा बताने वाले सपा के मुस्लिम विधायकों और मंत्रियों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह इतना कुछ होने के बावजूद मुलायम की साइकिल पर क्यों बैठे हैं. आज जब मुज़फ्फरनगर व आस पास के क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 25 से अधिक बच्चों और पचासों पुरुष व महिलाओं की मौत का मामला सामने हैं और सरकार पीडि़तों को राहत कैंपों से निकालने की जबरन कोशिश कर रही है, दूसरी तरफ सपा संरक्षित भाजपा के दंगाई पीडि़तों पर मुक़दमा वापसी के लिए दबाव डाल रहे हैं और लगभग हर दिन ही वहां से हत्या की खबरें आ रही हैं, ऐसे में मुस्लिम विधायक कल से शुरु होने वाले सत्र में इन सवालों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें क्योंकि पूरे सूबे के अमन पसन्द अवाम की नज़र उन पर है.
बैठक में पीसी कुरील, हरे राम मिश्रा, शिवदास प्रजापति, मिनहाजुल इस्लाम, मोहम्मद कलीम अख्तर, सर्वेश कुमार गुप्त, फरीद खान, मोहम्मद सुलेमान, सैय्यद मोईद अहमद, शान ए इलाही, जुबैर जौनपुरी, जैद अहमद फारुकी, अभिनव गुप्ता, ज़मीर अहमद, शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव इत्यादि लोग उपस्थित थे.