साहित्यार अनिल सिंह पर हुए सांप्रदायिक हमले की निंदा

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BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच और INSAAN International Foundation ने हिंदी साहित्य के जाने-माने कवि, सांप्रदायिकता विरोधी अभियानों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता व फैजाबाद के साकेत डिग्री कालेज के प्राध्यापक डा. अनिल सिंह पर कल 11 जनवरी को एक संघी गुण्डे द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की है.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने जारी बयान में कहा कि यह घटना साबित करती है कि सपा सरकार में किस तरह संघी तत्वों के हौसले बुलंद हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर 2012 में फैजाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा, जिसमें पीडि़तों को न्याय दिलाने की लड़ाई में डा. अनिल सिंह सक्रिय रहे हैं, में शामिल अपराधी संघी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की गई होती तो वे ऐसी हिम्मत नहीं कर सकते थे. इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि धर्मनिरपेछता के नाम पर सत्ता में आई सरकार किस तरह हिंन्दुत्वादियों के पक्ष में खड़ी हो गई है.

वहीं इंसान इन्टरनेशनल फाउंडेशन से जुड़े गुफरान खान ने कहा कि संघियों के इस हरकत की जितनी निंदा की जाए वो कम पड़ेगी. देशभक्ति के नाम पर देश के अहित में काम करना कहां की देश-भक्ति है. सच तो यह है कि यह देशभक्त नहीं बल्कि देश-द्रोही हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश का पूरा प्रशासन सांप्रदायिक हो चुका है. शायद यही वजह है कि डा. अनिल सिंह पर हमला होता है, पुलिस कुछ नहीं बोलती. और जो इंसाफ की बात करता है, यूपी पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है. जैसे कल युगल किशोर शास्त्री को गिरफ्तार किया था.

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