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मुजफ्फरनगर : राष्ट्रपति से अनुच्छेयद 355 के तहत हस्तक्षेप करने की मांग

BeyondHeadlines News Desk

नई दिल्ली : आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने मुज़फ्फरनगर के दंगा प्रभावितों को जबरिया राहत कैम्पों से भगाये जाने और उन पर बुलडोजर चलाने की उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यवाही के विरोध में धरना दिया और राष्ट्रपति से मांग की कि वह अनुच्‍छेद 355 के तहत एडवाइजरी जारी कर केन्द्र सरकार को निर्देशित कर उचित हस्तक्षेप की गारंटी करें.

यह मांग जोरदार ढंग से उठायी गयी कि राहत शिविरों को बंद करने की उत्तर प्रदेश सरकार की कोशिशों पर रोक लगाई जाये और प्रत्येक दंगा पीडि़त परिवार की सुरक्षा,राहत सामग्री और पूर्ण पुनर्वास की गारंटी हो. अनुच्‍छेद 355 के तहत कार्यवाही करते हुये दंगों और बलात्कार के मामलों में दर्ज सैकड़ों एफआईआर में नामजद अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये और मुज़फ्फरनगर के साम्प्रदायिक दंगों के सभी मामलों की जांच करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में एक एस.आई.टी. का गठन किया जाए. यह भी मांग उठायी गयी कि साम्प्रदायिक हिंसा विरोधी बिल को संसद के अगले सत्र में पारित कर शीघ्र कानून बनाया जाए.

इस संदर्भ में एक मांगपत्र राष्ट्रपति को भेजा गया है. इस विरोध-प्रदर्शन में विभिन्न तबकों से आये लोगों ने हिस्सा लिया. दिल्ली के तमाम विश्वविद्यालयों के छात्रों की भी अच्छी भागीदारी रही. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के संगठन ने भी हिस्सा लिया.

धरना को भाकपा (माले) के पोलित ब्‍यूरो सदस्‍य स्‍वपन मुखर्जी, गिरिजा पाठक, आर.वाई.ए. नेता असलम खान, आइसा नेताओं स्‍वेता राज, फरहान, जे.एन.यू.एस.यू. के अध्‍यक्ष अकबर चौधरी, संयुक्‍त सचिव सरफराज अहमद, एएमयू ओल्ड बॅायज एसोसियेशन ऑफ दिल्ली-एनसीआर के अध्‍यक्ष इरशाद अहमद, जनरल सेक्रेटरी मुदस्सिर हयात, व कोषाध्‍यक्ष शमशाद खान समेत कई वक्ताओं ने संम्बोधित किया. धरना का संचालन आर.वाई.ए. के राष्ट्रीय महासचिव रवि राय ने किया.

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