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एनआईए की आपराधिक साजिश है मिर्जापुर से आतंकवाद के नाम पर की गई गिरफ्तारी

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : रिहाई मंच ने यूपी के मिर्जापुर जिले से एनआईए द्वारा इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर फखरुद्दीन और अहमद के उठाए जाने को निर्दोष मुस्लिमों के आतंकवाद के नाम उत्पीड़न की एक और कड़ी बताते हुए इसे एनआईए और खुफिया एजेंसियों की आपराधिक साजिश बताया है.

मंच ने कहा कि एनआईए द्वारा यह तर्क दिया गया है कि यूपी और बिहार पुलिस के न सहयोग करने के कारण उसने केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से मिर्जापुर के युवकों को गिरफ्तार किया है, यह संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ एनआईए और केन्द्रीय खुफिया एजेसियों की कार्यवाई है. इसलिए अखिलेश सरकार तत्काल से एनआईए और आईबी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवाए.

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने जारी बयान में कहा कि मोदी की पटना रैली में ब्लास्ट के नाम पर इस सच्चाई के उजागर हो जाने के बावजूद की उक्त विस्फोट खुद संघी तत्वों ने मोदी के चुनाव प्रचार के लिए करवाया था, जैसा कि खुफिया एजेंसियों के सहयोग से संघी तत्वों ने मुस्लिमों के फर्जी एनकाउंटर और कथित आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुकी है, यहां तक बिहार सरकार के मंत्रियों तक ने पटना ब्लास्ट को संघ परिवार की कार्यवाई बता चुकी है, में बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के बाद अब उत्तर प्रदेश के बेगुनाह मुसलमानों को फंसाकर अपने अपराधी कार्यपद्धति को जारी रखे हुए है, ताकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव व नफ़रत फैलाकर ठीक चुनाव से पहले मोदी के लिए वोट बैंक तैयार किया जाए.

खुफिया एजेंसियां जो मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद, इशरत जहां से लेकर सादिक जमाल मेहतर जैसे दर्जनों बेगुनाहों की हत्या में शामिल हैं, उनमें बढ़ती छटपटाहत का नतीजा है मिर्जापुर से यह गिरफ्तारी… खुफिया एजेंसियां और एनआईए इस भ्रम में आ गई है कि मोदी प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, इसलिए जो काम कल तक राजेन्द्र कुमार कर रहे थे वही काम अब आईबी करने लगी है.

रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव ने कहा कि मिर्जापुर से मुस्लिम समाज के लोगों की गिरफ्तारी कर एनआईए इस बात को साबित करने की कोशिश कर रही है कि आईएम और माओवाद का जुड़ाव है, इसी कोशिश के तहत उसने झारखंड और छत्तीसगढ़ से गिरफ्तारियां की, और अब यूपी के मिर्जापुर से…

उन्होंने कहा कि आईएम जो कि खुफिया एजेंसियों द्वारा चलाया गया फर्जी संगठन है, उसे प्रमाणित करने के लिए उसे माओवाद से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. यूपी सरकार द्वारा लगातार केन्द्रीय खुफिया और जांच एजेंसियों की मिलीभगत से अपने राज्य से निर्दोष मुसलमानों को पकड़कर दिल्ली स्पेशल और एनआईए को दिया जा रहा है, ताकि आईबी और हिन्दुत्वादी शक्तियों का मुस्लिम विरोधी एजेंडा भी चलता रहे और मुलायम यह कहते घूमे की हमारे शासन में आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुसलमानों की गिरफ्तारियां नहीं हो रही हैं.

आज जब एनआईए इस अपराध को स्वीकार कर रही है कि उसने यूपी में घुसकर बिना राज्य पुलिस को सूचित किए बगैर मिर्जापुर से मुस्लिम युवकों को उठाया, इस पर मुलायम अपनी स्थिति स्पष्ट करें.

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