‘सबी हत्याकांड’ के आरोपियों को बचा रहा है इलाहाबाद प्रशासन- रिहाई मंच

Beyond Headlines
3 Min Read

BeyondHeadlines News Desk

इलाहाबाद : पिछले 28 जनवरी, 2014 को चंदापुर गाँव के सबी अख्तर पुत्र वसीमुद्दीन की शांतिपुरम लेबर चौराहे पर सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इंसाफ मांग रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और तकरीबन 50 लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर दबिश के नाम पर लूटपाट व महिलाओं से साथ अभद्रता की.

इस घटना का संज्ञान लेते हुए रिहाई मंच के 5 सदस्यीय जांच दल ने चंदापुर और रुदापुर गाँव का दौरा कर पीडि़तों से मुलकात की. जांच दल ने पाया कि रुदापुर गाँव में पुलिस ने रात में दबिश के नाम पर लूटपाट और महिलाओं से अभद्रता की. जिन लोगों ने इंसाफ की मांग की थी, उन पर फर्जी मुक़दमें लाद दिए गये हैं. रुदापुर गाँव में दहशत का माहौल कायम है और परिवार के पुरुष सदस्य अभी भी गाँव से बाहर हैं. जांच दल ने पाया कि पुलिस ने सांप्रदायिक मानसिकता से गांव के मदरसे में भी तोड़-फोड़ की.

रिहाई मंच राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है, एक तरफ जहां कैबिनेट मंत्री आज़म खान की भैंसों की चोरी होने पर चैकी के पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया, वहीं दूसरी ओर हत्या जैसे गंभीर अपराध के अपराधियों को सजा दिलाने की मांग करने वालों को फर्जी मुक़दमों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्थानीय सपा विधायक अनसार अहमद ने पीडि़त परिवार के घर जाने की भी ज़रुरत नहीं समझी, उल्टे हत्यारोपियों से मुलाकात की इससे साबित हो जाता है कि पुरे सूबे में समाजवादी पार्टी के लोगों और अपराधियों के गठजोड़ ने जंगल राज कायम कर दिया है.

रिहाई मंच राज्य कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद आरिफ ने कहा कि समाजवादी सरकार लोगों को सुरक्षा भी नहीं दे पा रही है. मुज़फ्फरनगर से लेकर प्रदेश के कोने-कोने में अराजकता और भय का माहौल कायम है. इलाहाबाद की घटना ने साफ कर दिया है कि इन्साफ मांगने पर जनता को प्रताडि़त करना ही अखिलेश सरकार का समाजवाद है. इंसाफ मांगने पर फर्जी मुक़दमें में फंसाकर जेल भेजना सरकार द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है, जो कि एक गंभीर सवाल है.

रिहाई मंच के जांच दल ने सरकार से मांग की है कि सरकार पीडि़त परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और नौकरी दे और उनकी सुरक्षा की गारंटी करे. जांच दल ने यह भी मांग की कि गांव के लोगों से फर्जी मुक़दमे वापस लिए जाएं. पुलिस द्वारा दबिश के नाम पर किए गए लूटपाट और क्षति की भरपाई करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाई की जाए.

TAGGED:
Share This Article