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‘आप’ के नाराज़ कार्यकर्ताओं ने पार्टी से वापस मांगी चंदे की रक़म

Avdhesh Chaudhary for BeyondHeadlines

कांग्रेस और भाजपा से अपने को अलग बताने वाली आम आदमी पार्टी भी अब उसी राह पर चलती दिखाई दे रही है. यही कारण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी को इस मुकाम तक पहुंचाया, वही अब लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे को लेकर काफी नाराज़ हैं. जिन लोगों ने आप पार्टी के लिए चंदा और कार्यकर्ताओं को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी, वही लोग अब पार्टी से चंदा वापस करने की और पार्टी की सदस्यता खत्म करने की बात कर रहे हैं.

दिल्ली के लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद नाराज़ कार्यकर्ता डॉ. एम.यू. दुआ ने BeyondHeadlines से बात करते हुए बताया कि उन्होंने पार्टी को अमेरिका की एक संस्था से 37 लाख रुपये चंदा दिलवाया था. साथ ही उन्होंने 26 जनवरी तक चले पार्टी के एक करोड़ सदस्य बनाने के अभियान में भी पार्टी को दो लाख नये लोगों को सदस्य बनाने में अहम भूमिका अदा की थी. लेकिन पार्टी में आम आदमी को टिकट देने की जगह कुछ खास लोगों को टिकट दिए जाने से नाराज़ इस कार्यकर्ता ने पार्टी से अलग होने के साथ ही चंदे के पैसे भी वापस करने की भी मांग की है.

खास लोगों को टिकट दिए जाने से नाराज़ दुआ ने कहा कि केजरीवाल को इस पार्टी का नाम भी आम आदमी पार्टी से हटाकर केजरीवाल पार्टी या सिसोदिया पार्टी रख लेना चाहिए, क्योंकि इस पार्टी में इन दोनों के नेतृत्व में बंद कमरों में फैसले लिए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि केजरीवाल और राहुल गांधी, सोनिया गांधी या मोदी या फिर अन्य पार्टियों के नेताओं में कोई फर्क नहीं रह गया हैं, क्योंकि केजरीवाल भी अब उसी राह पर चल रहे हैं जिस पर देश की अन्य राजनीतिक पार्टियां चल रही हैं.

उन्होंने बताया कि जैसे चुनावी मौसम में अन्य पार्टियां चुनाव जीतने के लिए नये-नये हथकंडे आजमाती हैं, वैसे ही केजरीवाल भी चुनाव जीतने लिये नये-नये हथकंडे अपना रहे हैं. दुआ ने बताया कि पार्टी पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए उन लोगों को टिकट दे रही है जो काफी चर्चित हैं, पैसे वाले हैं और किसी ना किसी तरह से खास हैं. चाहे वह दो दिन पहले ही पार्टी में शामिल क्यों ना हुए हो.

उन्होंने बताया कि जब पार्टीं को एसे ही खास लोगों को टिकट देने थे तो फिर इतना ड्रामा करने की क्या ज़रुरत थी. पार्टी पर आरोप लगाया कि आम आदमी को धोखे में रखकर लोकसभा के टिकट के लिए लोगों से आवेदन कराया और समय के साथ-साथ पैसे भी खर्च करवाने का आरोप लगाया है.

आम आदमी पार्टी में यह पहला मामला नहीं है, जब किसी ने किसी का विरोध किया है. इससे पहले मुरादाबाद में खालिद परवेज़ को लोकसभा प्रत्याशी बनाये जाने पर पार्टी को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. यहां तक कि मुरादाबाद में आप की कमेटी तथा बरेली मंडल की आप टीम ने परवेज़ का खासा विरोध किया और करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.

वहीं मंगोलपुरी से आप की विधायक और केजरी सरकार में मंत्री रह चुकी राखी बिड़ला का नाम सामने आने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने आप दफ्तर के सामने चार दिन तक आमरण अनशन किया था. बागपत से सोमेंद्र ठाका को टिकट दिए जाने पर बागपत के मुस्लिमों ने किसी मुस्लिम को टिकट ना दिए जाने से आप के राजीव चौक स्थित दफ्तर पर काफी हंगामा किया था. वहीं नागपुर से अंजली दमानिया को टिकट किए जाने पर भी पार्टी को काफी विरोध का सामना करना पड़ा. लेकिन खास बात यह है कि इन खास लोगों को टिकट होने पर पार्टी नेतृत्व पर विरोध का कोई फर्क नहीं पड़ा है और ना ही किसी का कोई टिकट काटा गया है.

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