Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास का बड़पोलापन अब उनके ही आड़े आ रहा है. उनके व्यवहार और अपने को सबसे बड़ा नेता मानने के दंभ के चलते अमेठी की लड़ाई में उनका साथ देने के लिए पार्टी का कोई भी पदाधिकारी उनका साथ देने के लिए वहां नहीं पहुंच रहा.
कुमार ने अमेठी में जाकर जिस तरह ताल ठोक कर अपने विरोधियों को चित कर देने के ढ़ोल पीटे, उसके बाद सभी मान बैठें कि यह सीट तो पार्टी जीत ही जाएगी. इसी के चलते अभी तक पार्टी के संयोजक एवं अन्य बड़े नेताओं ने अमेठी का रुख नहीं किया.
कुमार जो स्वयं को पार्टी का सबसे बड़ा नेता मानते हैं, अब संकट में हैं. वे संकट से निकलने के लिए अपनों से ही सहायता की गुहार भी नहीं लगा सकते. कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ने की हामी तो भर ली, लेकिन अब उनके पसीने छूट रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के नेताओं की नज़र दो दिग्गजों राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास पर है. सुत्रों के अनुसार तो इन दोनों में ही अब मतभेद की खबर है. आम आदमी पार्टी संयोजक केजरीवाल के समर्थन में कार्यकर्ता बनारस का रुख तो कर रहे हैं, लेकिन अमेठी की कोई बात नहीं कर रहा है. वहीं देखा जाए तो केजरीवाल देश भर में अपने प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लेकिन वह अभी तक कुमार विश्वास के लिए चुनाव प्रचार करने अमेठी नहीं गए हैं. जिसके पीछे कुमार विश्वास का बड़-बोलापन बताया जा रहा है. आम आदमी पार्टी के नेताओं के अहम के लड़ाई में कुमार अकेले पड़ने लगे हैं.
कुमार विश्वास ने अभी हाल ही में भाजपा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और आरएसएस की तारीफ की थी. जिससे पार्टी के कुछ नेताओं ने इस पर नाराज़गी भी जताई थी.