BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच ने आरएसएस नेता इन्द्रेश कुमार की देश में हुई विभिन्न आतंकी घटनाओं में एनआईए द्वारा यह कहे जाने कि उनके खिलाफ सबूत नहीं हैं को साजिश क़रार दिया.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि पिछले दिनों असीमानन्द ने इन्द्रेश कुमार तथा संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम आतंकी घटनाओं के प्रेरक के बतौर लिया था, ऐसे में ऐन चुनाव के पहले इन्द्रेश कुमार को क्लीन चिट देकर एनआईए हिन्दुत्वादी राजनीति के आतंकी चेहरों को बचाने और उनके पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकी घटना के बाद बिना एफआईआर के जहां सिर्फ शक के आधार पर मुस्लिम युवकों को उठा लिया जाता है, वहीं चार्जशीट में नाम आने के बाद भी इंन्देश कुमार को नहीं गिरफ्तार किया जाता.
जांच एजेंसियों द्वारा दक्षिणपंथी आतंकियों द्वारा की गई आतंकी घटनाओं की गुत्थी सुलझा पाने में नाकाम बताए जाने को एक साजिश क़रार देते हुए उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित समेत जितने भी हिन्दुत्वादी नेता इन दिनों जेल में आतंकवाद के मामलों में बंद हैं, उन्हें बाहर लाने की यह तैयारी है.
रिहाई मंच आज़मगढ़ के प्रभारी महसीहुदीन संजरी ने कहा कि ठीक आम चुनाव के समय संघ के नेताओं की आतंकी घटनाओं में संलिप्तता से क्लीनचिट देने संबंधी एनआईए का यह बयान मोदी के पक्ष में माहौल बनाने और देश के हिन्दुत्ववादी वोटरों को खुश करने के लिहाज़ से ही प्रचारित किया जा रहा है. वास्तव में एनआईए का यह प्रचार मोदी के पक्ष में सत्ता परिवर्तन कराने की खुफिया और जांच एजेंसियों की रणनीति का हिस्सा है, ताकि इनका आतंक आम जनता के बीच में कायम रहे. इसीलिए रिहाई मंच की यह मांग रही है कि खुफिया एजेंसियों की संसद के प्रति जिम्मेदारी तय की जाए.
दरअसल, एनआईए द्वारा यह पूरा षडयंत्र हिन्दुत्वादी आतंकियों और खुफिया एजेंसियों को बचाने की कोशिश है.