Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines
नरेन्द्र मोदी ने बनारस के चुनाव में पहली बार उलट बांसी पेश कर दी है. बनारस के पान बेचने वाले समुदाय को उम्मीद थी कि मोदी उन्हें प्रस्तावक बनाएंगे. बीजेपी की बनारस इकाई ने बाकायदा पान वालों से सम्पर्क भी कर लिया था. मगर मोदी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
बड़ौदा में चाय वाले को अपना प्रस्तावक बनाकर खुद के ग़रीबों और पिछड़ों का हिमायती होने का दम भरने वाले मोदी ने बनारस के पान वालों को एक झटके में आईना दिखा दिया.
बनारस में पान वालों की अरसे से मांग रही है कि उन्हें सम्मान और सुविधाओं से नवाज़ा जाए. अखबारों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की सुर्खियों में पान वाले छाए हुए थे. तमाम चैनलों व अखबारों ने पान वाले के मोदी का प्रस्तावक बनाए जाने की खबरों को प्रमुखता से छापा. यहां तक कि बीजेपी की काशी इकाई ने बनारस के सबसे मशहूर केशव पान भंडार के मालिक से इस बाबत सम्पर्क भी किया था.
केशव पान भंडार के मालिक राजेन्द्र कुमार चौरसिया बताते हैं कि बीजेपी से दो नेता अशोक पाण्डेय और कौशल किशोर उनके पास आए थे और प्रस्तावक बनने का आग्रह किया था. राजेन्द्र चौरसिया खुशी खुशी इसके लिए तैयार भी हो गए थे. उन्होंने इस क़दम को बनारस के पान वालों की प्रतिष्ठा से जोड़ा था. मगर नरेन्द्र मोदी ने सारे अरमानों का गला घोंट दिया. अब ये पान वाले भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
