बनारस में चुनाव प्रचार का आखिरी दिन….

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BeyondHeadlines News Desk

बनारस में चुनाव प्रचार आज थम गया. यहां 12 मई को वोट डाले जाएंगे. प्रचार के आखिरी दिन  राहुल गांधी व अखिलेश यादव दोनों ने जमकर ताक़त झोंकी. इसके पहले मोदी व अरविन्द केजरीवाल भी अपनी ताकत बनारस की जनता को दिखा चुके हैं.

कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय के समर्थन में राहुल गांधी का जुलूस गोल गद्दा व पीली कोठी के उस इलाके से निकला, जहां बुनकर आबादी अच्छी-खासी संख्या में रहती है. राहुल इसके बाद शहर के भीतरी हिस्सों से होते हुए लंका पहुंचे, जहां से पिछले दिनों नरेन्द्र मोदी व अरविन्द केजरीवाल ने अपने रोड शो का आगाज़ किया था.

उधर अखिलेश यादव भी मलदहिया चौराहे से अपना रोड शो आरंभ करके शहर के भीतरों हिस्सों से होते हुए आगे बढ़ते रहे. राहुल और अखिलेश दोनों के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी, मगर हैरानी की बात यह है कि मोदी के खिलाफ ताल ठोंक रहे तीनों उम्मीदवार (अजय राय, अरविन्द केजरीवाल, कैलाश चौरसिया) मुस्लिम वोटों के पीछे ही हाथ-पांव धोकर पड़ गए हैं. इन हालातों में मुस्लिम वोटों के तक़्सीम होने का खतरा साफ मंडरा रहा है.

अरविन्द केजरीवाल के विरोधियों के मुताबिक वो बीजेपी के एजेंट हैं और वो बनारस में मोदी को जिताने का काम कर रहे हैं. विरोधियों का यह भी कहना है कि अरविन्द बनारस आरंभ से ही विशेष तौर पर अपने प्रचार में मुस्लिम इलाकों को टारगेट किया. विरोधी यह भी बताते हैं कि केजरीवाल का सबसे अधिक प्रचार नरेन्द्र मोदी के लोगों ने किया. कभी केजरीवाल के समर्थकों पर हमला करके तो कभी अपनी रैलियों में अरविन्द के खिलाफ बार-बार नारेबाज़ी करके, उन्हें दिल्ली का भगौड़ा बता के तो कभी सीआईए का एजेंट घोषित करके. लेकिन स्थानीय अखबारों में छपी तस्वीरें बता रही हैं कि अब दोनों ही पार्टियों के समर्थकों का विरोध खत्म हो चुका है. दोनों साथ में गले मिलकर अपनी-अपनी पार्टियों का प्रचार कर रहे हैं.

ऐसे में बनारस की लड़ाई खासी दिलचस्प होती जा रही है. नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुस्लिम वोटों की पूंजी पर इस लड़ाई के तमाम योद्धाओं की नज़रें गड़ी हुई हैं. ऐसे में मुस्लिम वोटों का बंटवारा होना तय दिखाई दे रहा है और इसका सीधा फायदा बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को मिलता नज़र आ रहा है.

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