Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर जो फैसला सुनाया है, वह भारतीय किसानों के साथ विश्वासघात करने जैसा है. मंत्रिमंडल द्वारा फसलों पर 50 रुपये की नाम मात्र वृद्धि की है. जो मुद्रास्फीति दर की तुलना में काफी कम है. केवल 1-2 प्रतिशत के बराबर है, जिससे पिछले साल के मुकाबले इस साल किसानों की हालत और दयनीय हो जाएगी.
आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मसले पर जवाब मांगा है कि अब उनके उस वादे का क्या हुआ, जो उन्होंने चुनाव के दौरान किसानों से किया था? उन्होंने कहा है कि संप्रग सरकार में कपास की खेती करने वाले किसान विदर्भ में आत्महत्या कर रहे थे. मोदी ने किसानों से मिलकर अपनी चुनाव यात्रा के दौरान यवतमाल में किसानों से मुलाकात की थी. सरकार ने कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य को पिछले साल चार हजार रुपये की तुलना मे अब चार हजार पचास रुपये रखा गया है.
सरकार ने इस खरीफ के सीजन में ऐसा निर्णय लिया है. ऐसी स्थिति में अगर विदर्भ में आत्महत्या की स्थिति बनी तो उनके परिवारों और उनका जवाबदेह कौन होगा?
भाजपा ने धान मूल्य में भी 1310 की जगह 1360 रुपये किये हैं. यह 50 रुपये की वृद्वि मुद्रास्फीति की दर को भी कवर नहीं करता है. वहीं बाजरा और मक्का में शुन्य वृद्धि हुई है. आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि मंत्रिमंडल को अपना यह फैसला वापिस लेना चाहिए और 50 प्रतिशत की वृद्धि करनी चाहिए.