BeyondHeadlines News Desk
अक्षरधाम मंदिर हमले मामले में महत्वपूर्ण फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के सूरत बम धमाकों के सभी 11 दोषियों को बरी किया है.
टाडा के तहत इन दोषियों को 10 से 20 साल तक की सजा सुनाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस टी एस ठाकुर और जस्टिस सी नागाप्पम की बेंच ने सभी दोषियों को इससे बरी कर रिहा करने का आदेश देकर टाडा कोर्ट के आदेश को पलट दिया है.
अप्रैल 1993 में सूरत में दो धमाके हुए थे. पहला धमाका सूरत रेलवे स्टेशन पर हुआ था जबकि दूसरा वराचा रोड पर स्थित एक स्कूल के पास हुआ था. इस धमाके में एक स्कूली छात्रा की मौत हो गई थी जबकि 30 अन्य घायल हुए थे.
इन दोषियों पर आरोप था कि उन्होंने इस धमाके में इस्तेमाल बम और अन्य उपकरणों को लाने के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया था. इन दोषियों में गुजरात के पूर्व कांग्रेसी मंत्री मोहम्मद सुर्ती भी हैं. मोहम्मद सुर्ती को इन धमाकों की साजिश में शामिल होने के लिए टाडा अदालत ने 20 सालों की सजा सुनाई थी. इसके अलावा तथाकथित दोषियों में हुसैन घड़ियाली, मुश्ताक इब्राहिम पटेल, इकबाल बड़ीवाला और युसूफ दादू का भी नाम भी शामिल था.
