Avdhesh Kumar for BeyondHeadlines
नई दिल्ली : यूपीए सरकार में हुए टूजी एक्स्पैक्ट्रम घोटाले के बाद अब सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार एक और बड़ा घोटाला सामने आया है. इस नयी रिपोर्ट के अनुसार कैंग ने 4जी एक्सपैक्ट्रम में 2300 करोड़ा का घोटाला सामने आया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर रिलायंस इंडस्ट्री के टेलीकांम लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2014 को उस याचिका पर सरकार और रिलायंस को भी नोटिस जारी किया था.
यूपीए सरकार ने मार्च 2013 में टूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उल्लंघन में वायस टेलीकॉम में रिलायंस इंफोकाम की एक पीठ को अनुमति दी. इस वजह से सरकार के खजाने में भारी नुक़सान हुआ था. जिस कारण टूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लाइसेंस रद्द कर दिया गया था.
वहीं मई से जून 2010 में 3जी और 4जी के लिए भी लाइंसंसों की निलामी की गई. इस निलामी में भी पाया गया कि निलामी के दौरान बड़ी मात्रा में घोटाला किया गया. जो कि सीएजी की रिपोर्ट से साफ है. इस नये खुलासे से पता चला है कि इस 4जी घोटाले में सरकारी खजाने को 2300 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ. जिसकी अब निष्पक्ष जांच करने के लिए इसकी जिम्मेदारी मोदी सरकार को दे दी गई है.
आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार से यूपीए सरकार में हुए लाइसंसों को तत्काल रद्द करने की मांग की है. साथ ही पार्टी ने भाजपा सरकार से सीबीआई की जांच करने की मांग की है. अगर सरकार 4जी एक्सपैक्ट्रम और बीडब्ल्यूए आवंटन घोटाले पर कैग की रिपोर्ट के अनुसार आवंटन रद्द नही करती है, तो इससे यह स्पष्ठ हो जाएगा कि सरकार कार्पोरेट जगत को बढावा दे रही है और यह सरकार भी सरकारी संसाधनों को लूटने की नियत से काम कर रही है.