BeyondHeadlines News Desk
मौनसून की बेरूखी व इस उमस भरी गर्मी के बीच लगातार बिजली कटौती से जामिया नगर के बिलबिलाये लोग अब सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. रमज़ान के इस महीने में अगर एक बार बिजली चली गई तो वापस फिर कब आएगी, किसी को कुछ पता नहीं.
लगातार बारह- तेरह घंटे से ज्यादा बिजली कटौती होने के कारण इस जामिया नगर के लोगों की मुश्किलें इतनी बढ़ गई हैं कि उसे शब्दों में बयान कर पाना मुमकिन नहीं है. हर रोज़ नाराज सैकड़ों लोगों रात को सड़कों पर उतरते हैं. पुलिस से हल्की-फुल्की झड़प होती है. इसी बीच बिजली आती है, लोगों का सारा गुस्सा शांत हो जाता है, लेकिन आज जब बिजली कटौती ने सारी हदें पार कर दी तो लोग सड़कों पर बिजली कटौती के खिलाफ आन्दोलन के लिए उतर गए.
यह आन्दोलन इतना उग्र हो गया कि पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी. कुछ लोगों की हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तारियां भी हुई. और फिर पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. हालांकि गिरफ्तार लोगों को बाद में थाने से जमानत दे दी गई.
स्पष्ट रहे कि कल रात बटला हाउस और शाहीन बाग में भी बिजली कटौती को लेकर लोग सड़कों पर उतरे थे. इस बीच पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे दिन बिजली नहीं आने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इफ्तार के समय लोगों के घरों एवं मस्जिद में पानी खत्म हो जाता है. उनकी ज़िन्दगी एकदम से नरक बन चुका है. वो बताते हैं कि बिजली कटौती के चलते यहां सारे कारोबार ठप हो गये हैं. समस्या से निजात दिलाने वाला कोई नहीं है.
रात के 3 बजे तक लोग सड़कों पर रहें. सुबह सहरी के बहाने सड़कों की भीड़ धीरे-धीरे कम हुई. लोगों का आरोप है कि नई मोदी सरकार जान-बुझ कर मुस्लिम इलाकों में बिजली कटौती कर रही है. लोग विधायक आसिफ मुहम्मद खान के खिलाफ भी नारे लगा रहे थे, लेकिन दूसरी तरफ खुद आसिफ मुहम्मद खान जामिया नगर में बिजली कटौती को लेकर दिल्ली लेफ्टीनेंट गवर्नर नजीब जंग के घर के बाहर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे थे.