Ashutosh Kumar Singh for BeyondHeadlines
भारत की स्वास्थ्य नीति हमेशा से बीमारों को ठीक करने के इर्द-गिर्द रही है. नई सरकार ने पहली बार बीमारी को ठीक करने की दिशा में सकारात्मक पहल की है. भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश देश का पहला नागरिक-स्वास्थ केन्द्र होगा, जो उपचार की अपेक्षा निरोधात्मक पद्धति पर केन्द्रित होगा.
एम्स, ऋषिकेश का प्रयास होगा कि यह लोगों का निरोधात्मक स्थिति में उपचार करे. एम्स-ऋषिकेश में मीडिया को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- ‘जब लोग पहाड़ों पर बीमार पडते है, तो अस्पताल तक पहुंचना अपने आप में एक बड़ी समस्या होती है. प्राय: बीमारी इतनी गम्भीर नही होती, किंतु अस्पताल तक आते-आते मरीज़ की हालत बिगड़ जाती है. इस समस्या को हल करने के लिए मैंने एम्स के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे मरीजों का एक डाटा बैंक तैयार करें तथा ई-मेल और मोबाईल के ज़रिए उनसे संवाद कायम करने की प्रणाली काम में लाए.’
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचे, यह उनकी कार्य योजना में प्रमुखता से शामिल है. एम्स ऋषिकेश को एक पाइलट परियोजना के रूप में पूरा करने का गौरव प्रदान हुआ है. एम्स ऋषिकेश का पंजीकरण पटल मूलभूत डाटा का स्रोत होगा. इसमें आने वाले प्रत्येक रोगी का ई-मेल अथवा मोबाइल नम्बर कम्प्यूटर में दर्ज किया जाएगा. निरन्तर अन्तराल पर ई-मेल अथवा संदेश के ज़रिए अस्पताल संवाद कायम करेगा.
रोगी को नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच शिविरों के बारे में अग्रिम रूप से भी सूचित किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सम्पर्क में रहने की यह पहल पारस्परिक आधार पर रहेगी.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘ईलाज से परहेज बेहतर है’ का सिद्धान्त सरकार की स्वास्थ्य नीति का केन्द्र बिन्दु है. प्रत्येक चिकित्सक को बताया जाएगा कि वे रोगियों को समुचित जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करें, जिससे मरीजों का आना ज़रूरी न हो. मैंने एम्स के सभी ओ.पी.डी. स्टाफ को भी निर्देशित किया है कि वे सम्बंधित विभाग के कार्यक्रमों के बारे में सूचनाओं को लगातार प्रदर्शित करें. इस प्रकार ईलाज का इन्तजार कर रहे मरीजों व उनके रिश्तेदारों को रोग के बारे में गहरी जानकारी मिलेगी, जिसके चलते मरीज अस्पताल में आया और रोग की रोकथाम कैसे हो, इसका भी उन्हें पता चल सकेगा.’
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘मैंने इस एम्स के विस्तार के लिए पहले ही योजनायें तैयार की हुई है और यह केन्द्र मेरे दिल में बसा है, क्योंकि ये एम्स ऐसे क्षेत्र के लोगों की सेवा में लगा है, जो हमारे राष्ट्र की आध्यात्मिक रीढ़ हैं.’
क्या है योजना
- हॉलिस्टिक मेडीसिन में 100 बेड वाला सर्वोत्तम केन्द्र। यहां मरीजों का ऐलोपैथिक पद्धति के साथ-साथ आयुर्वेद, योग तथा अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से भी उपचार होगा.
- चिकित्सा के क्षेत्र में विख्यात अमरीकी अथवा फ्रांस के सहयोग से एक अन्तर्राष्ट्रीय लोक स्वास्थ्य विद्यालय की स्थापना (घोषणा बाद में की जाएगी).
- ऑनकोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेफ्ररोलॉजी, कार्डियक थोरासिस एवं वस्कुलर सर्जरी के लिए उत्कृष्ट उपचार केंद्र होगा.
- 120 सीटों से युक्त भारत का पहला नर्सिंग शिक्षा में सर्वोत्तम प्रशिक्षण केंद्र अगले वर्ष तक शुरू हो जाएगा और यह पुरूष छात्रों के दाखिले के लिए पहला एम्स नर्सिंग कॉलेज होगा.
- जिरीयट्रिक मेडीसीन एवं ऑक्यूपेशनल व पर्यावरण स्वास्थ्य के लिए नए विभाग एम्स ऋषिकेश का विस्तार…
एम्स, ऋषिकेश में एक नवनिर्मित ब्लड बैंक के उद्द्याटन के उपरान्त डॉ. हर्षवर्धन ने घोषणा की कि उत्तराखंड सरकार के साथ यह बात चल रही है कि अतिरिक्त 100 एकड़ भूमि पर एम्स, ऋषिकेश की सुविधाओं का विस्तार किया जाए तथा चिकित्सीय जड़ी बुटी की खेती के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है, जो हॉलिस्टिक स्वास्थ लाभ के लिए औषधियों के निर्माण के लिए उपयोग में लाई जाएगी.
इस बावत उन्होंने यह भी बताया कि एम्स – ऋषिकेश के निदेशक को शक्तियां प्रदत्त कर दी गई है कि वे मंत्रालय को सन्दर्भित किए बगैर ही अपने स्तर पर संकाय सदस्य, अधिकारियों तथा अन्य स्टाफ की भर्ती कर सकते हैं. उन्हें उपकरणों की खरीद तथा नव निर्माण कार्य कराने के लिए भी वित्तीय शक्तियां प्राप्त होगी.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, एम्स-ऋषिकेश का पूर्ण निर्माण सुनिश्चित करने के लिए मैंने सभी कठिनाईयों को समाप्त कर दिया है, जो मैंने इस वर्ष 25 दिसम्बर तक पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म दिवस पर पूरा करने का वायदा किया था.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘मैं उत्तराखंड में स्वास्थ्य के लिए आधारभूत संरचना में सुधार हेतु वचनबद्ध हूँ और सरकार एवं यहां उपस्थित लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरा मंत्रालय स्वास्थ के मानकों मे सुधार के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए तत्पर है.’
