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‘बलात्कारी मौनी बाबा’ की गिरफ्तारी को लेकर लखनऊ में हुआ धरना

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : नाबालिग युवती का अपहरण, बलात्कार करने और उसे बेचने का षडयंत्र रचने के आरोपी अमेठी के तांत्रिक मौनी बाबा और अन्य के मामले में एफआईआर दर्ज करने, आरोपियों को गिरफ्तार करने और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर आज सामाजिक और महिला संगठनों ने आज हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

बलात्कार के आरोपी मौनी बाबा व अन्य को गिरफ्तार करो, बलात्कारियों को बचाने वाले अमेठी के एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों पर धारा 166-ए के तहत मुक़दमा दर्ज करो, नाबालिग का अपहरण, बलात्कार करने व बेचने की साजिश रचने के आरोपियों पर मुक़दमा दर्ज करो, बलात्कार आरोपी अमेठी के मौनी बाबा की आपराधिक भूमिका की सीबीआई जांच कराओ, तांत्रिक मौनी बाबा के खिलाफ बलात्कार करने का एफआईआर दर्ज क्यों नहीं? सपा सरकार जवाब दो, नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने वाले मौनी बाबा को बचाने वाले अमेठी एसपी को तत्काल बर्खास्त करो इत्यादि नारे लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया.

वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर बयानबाजी करती है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और अपनी जिम्मेदारी न निभाने वाले अधिकारियो पर कार्यवाई करेगी. वहीं अमेठी मामले में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति शासन और प्रशासन की उदासीनता और पूरे प्रकरण में उसकी आपराधिक संलिप्तता उजागर होती है कि हफ्तों बीत जाने के बाद भी मौनी बाबा व अन्य के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रहा है इस सपा सरकार में.

सीओ हज़रतगंज के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में मांग की गई कि पीडि़ता के अपहरण व बलात्कार करने और बेचने की साजिश रचने वाले मौनी बाबा व अन्य के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाए. दोषियों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया जाए.

एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों एसपी अमेठी, स्थानीय सीओ, एसओ, डाक्टर व  मजिस्ट्रेट के खिलाफ जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने पर धारा 166 (ए) आईपीसी के तहत मुक़दमा दर्ज किया जाए. जिस तरह पीडि़ता के बेचे जाने की साजिश का खुलासा हो रहा है व मीडिया माध्यमों में पीडि़ता के हवाले से बताया गया कि कई अन्य लड़कियों को वहां से नासिक व पुणे ले जाकर बेचा गया है, उससे इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि यह पूरा मामला मानव तस्करी व देह व्यापार से जुड़ा हुआ है. ऐसे में यह ज़रुरी हो जाता है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए.

धरने में महिला संगठन एडवा नेता मधु गर्ग, एपवा नेता ताहिरा हसन, अखिल भारतीय किन्नर महासभा की सोनम किन्नर, वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह, रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुएब, नागरिक परिषद नेता रामकृष्ण, इंजीनियर एजाज, पिछड़ा समाज महासभा के नेता एहसानुल हक मलिक, इंडियन नेशनल लीग के उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, सैय्यद मोइद, मजदूर नेता केके शुक्ला, डा. अली अहमद, जैद अहमद फारुकी, वासिफ शेख, मेघा सेवा संन्सथान की मेघा, नदीम, फैज, मीना सोनी, नसरीन, फैजान मुसन्ना, जिया इमाम चैधरी, संजोग बाल्टर, ज्योती राय, गुफरान सिद्दीकी, राशिद, शिवदास, अखिल विकल्प, शाहनवाज़ आलम और राजीव यादव इत्यादि शामिल रहे.

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