स्वस्थ भारत के लिए स्वच्छ भारत ज़रूरी

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Ashutosh Kumar Singh for BeyondHeadlines

भारत को स्वस्थ बनाने का सपना हम सब देख रहे हैं. लेकिन इसके लिए यह ज़रूरी है कि भारत स्वच्छ बने. इस दिशा में सरकार शौचालयों के निर्माण में तेजी दिखा रही है.

पिछले दिनों केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा स्वच्छ जल और स्वच्छता मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 2019 तक सभी के लिए स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करने में विभिन्न श्रेणियों के ग्रामीण शौचालय बनाने के लिए उन्होंने धन बढ़ाने के उद्देश्य से एक कैबिनेट नोट तैयार किया है.

स्वच्छता तथा पेयजल पर राष्ट्रीय कार्यशाला में श्री गडकरी ने कहा कि घरेलू शौचालयों के लिए राशि 10000 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये की जाएगी, स्कूल शौचालयों के लिए 35000 रुपये की जगह 54000 रुपये दिये जाएगें. इसी तरह आंगनबाड़ी शौचालयों के लिए 8000 रुपये की जगह 20000 रुपये दिये जाएंगे तथा सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के लिए 2 लाख रूपये की जगह 6 लाख रूपये देने का प्रस्ताव है.

गडकरी ने यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में शौचालय बनाने के काम को मनरेगा से अलग कर दिया जाएगा.  गडकरी ने इस बात की आवश्यकता पर जोर दिया कि शौचालय बनाने में गुणवत्ता हो तथा कम लागत की टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल हो ताकि शौचालय 30 से 40 वर्ष तक टिकें.

पेयजल की समस्या विशेषकर आर्सैनिक, अत्यधिक फ्लोराइड, भारी धातु तथा अन्य प्रदूषकों वाले 17 हजार बस्तियों की समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले से निपटने के लिए अगले दो महीनों में एक नई योजना शुरू की जाएगी और योजना पर युद्ध स्तर पर काम किया जाएगा.

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