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पेड़ों में राखी बांधकर जंगल बचाने का लिया संकल्प

BeyondHeadlines News Desk

सिंगरौली : रक्षा बंधन के दिन महान वन क्षेत्र के ग्रामीणों ने महुआ पेड़ को राखी बांधकर अपने जंगल के साथ रिश्ते को नया आयाम दिया. दिल्ली, बंगलोर, मुंबई सहित 10 शहरों से भेजी गयी करीब 9000 राखी को महुआ पेड़ में बांधकर ग्रामीणों ने महान वन क्षेत्र में प्रस्तावित कोयला खदान से अपने जंगल को बचाने का संकल्प लिया.

सुबह से भारी बारिश के बावजूद राखी महोत्सव में भाग लेने वाले ग्रामीणों का उत्साह चरम पर था. करीब दो दर्जन गांवों के एक हजार से अधिक ग्रामीणों ने पेड़ को राखी बांधी, इनमें भारी संख्या में महिलाएं भी थी.

भाई द्वारा बहन की रक्षा करने का संकल्प लेने वाले रक्षा बंधन के उत्सव को नया अर्थ देते हुए मुंबईकरों ने प्रस्तावित खदान से प्रभावित होने वाले 54 गांवों के प्रतीक के रुप में 54 फीट लंबी राखी तैयार की थी.

बिहार के धरनई गांव के 400 घरों और स्कूलों से ग्रामीणों ने 1000 राखी जुटाकर महान के ग्रामीणों के लिए भेजा था, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे उनका घर बिना कोयले के बिजली  से रौशन हुआ.

मुंबई की आफरीन अली ने कहा, “भले ही मैं शहर में रहती हूं, लेकिन मैं अपने जंगल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों से भावात्मक लगाव महसूस करती हूं.  ये लोग सिर्फ अपने जंगल को बचाने के लिए नहीं लड़ रहे, बल्कि हमें बेहतर दुनिया देने के लिए भी ये संघर्ष कर रहे हैं.”

ग्रामीणों ने राखी को महुआ के पेड़ में बांधा, क्योंकि यह पेड़ जंगलवासियों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. ग्रामीणों के आर्थिक आधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महुए को बाजार में बेचकर पैसे कमाए जाते हैं और दूसरे कई कामों में भी महुए का महत्व है.

महान में प्रस्तावित कोयला खदान से प्रभावित होने वाले गांव बुधेरी की रहने वाली अनिता कुशवाहा विशेष उत्साहित हैं. वे बताती हैं कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि आज पूरे देश से लोग उनके जंगल बचाने की लड़ाई में शामिल हो गए हैं. बड़ी संख्या में शहरों से आयी राखियों को देखकर हमारा मन भावुक हो गया है. हमें लगता है कि शहरों में भी ऐसे लोग बचे हुए हैं जो जंगलों और पर्यावरण को बचाने की कोशिश करना चाहते हैं. इससे हमारी लड़ाई को एक नयी ऊर्जा मिली है.

महान का प्राचीन जंगल करीब एक हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है, जिसमें लगभग 50 हजार से अधिक गांव वालों की जीविका निर्भर है. इस जंगल पर महान कोल लिमिटेड (एस्सार व हिंडाल्को का संयुक्त उपक्रम) को प्रस्तावित कोयला खदान से इन गांव वालों की जीविका खतरे में पड़ गयी है.

ग्रीनपीस की सीनियर कैंपेनर और महान संघर्ष समिति की सदस्य प्रिया पिल्लई ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से हमलोग कई चीजों से लड़ रहे हैं, हमारी अवैध गिरफ्तारी हुई, कंपनी के गुंडे लगातार हमें रोकने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही कई ऐसे प्रयास हुए जिससे राखी महोत्सव के दौरान हिंसा भड़क सके, लेकिन यह देखने की बात है कि कैसे शांतिपूर्ण तरीके से लोगों ने राखी का उत्सव मनाया है. ग्रामीणों ने एक मजबूत संदेश दिया है कि कुछ भी हो उनको आगामी ग्राम सभा से पहले डराया-धमकाया नहीं जा सकता है.

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