आइये अपने लोकतंत्र और देशभक्ति की जांच कर लें?

Beyond Headlines
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Himanshu Kumar

राजस्थान में अपनी ज़मीन पत्थर माफिया से बचाने की कोशिश करने वाले भारतीय सेना के सिपाही लालचन्द्र से आज सुबह फिर बात हुई. पूरी सरकार माइनिंग माफिया के सेठ जी के चरणों में गिरी हुई है. भारतीय सेना के सिपाही लाल चन्द्र का पूरा परिवार दो दिन से पुलिस के डर से छिपा हुआ है.

लाल चन्द्र बता रहा था कि डेढ़ साल का बच्चा बुखार से बेहाल है, लेकिन उसके इलाज के लिए भी ये लोग किसी डॉक्टर के पास नहीं जा सकते. लाल चन्द्र के बूढ़े पिता को भी इलाज की तुरंत ज़रूरत है.

अगर इस सिपाही के परिवार का यह हाल पाकिस्तानी सिपाहियों ने किया होता तो सारे देश की राष्ट्रभक्ति उबाल मारने लगती. लेकिन हम खामोश हैं क्योंकि लाल चन्द्र का यह हाल कोई पाकिस्तानी नहीं, बल्कि हिन्दुस्तानी ही कर रहे हैं.

ज़रा सोचिए! हम अपने देशवासियों की ज़मीने लूट कर अमीर बनते जा रहे हैं.  इसे हम विकास कहते हैं?

इसलिए इस विकास के लिए आदिवासियों, गांव वालों और गरीबों की ज़मीन छीन लेने में हमें कुछ भी गलत नहीं लगता. क्योंकि हमें लगता है कि देश का मतलब देश के करोड़ों आम लोग नहीं. देश का मतलब बस मैं और मेरा स्वार्थ है.

भारतीय सेना का सिपाही जान की गुहार लगा रहा है. आइये अपने लोकतंत्र और देशभक्ति की जांच कर लें?

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