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मिलेनियम पार्क में इस्तेमाल कब्रिस्तान की ज़मीन मिलेगी वापस

Afroz Alam Sahil for BeyondHeadlines

ये अजीब मामला है… दिल्ली में ज़िंदा रहने वालों के लिए रोज़ नए-नए मकान बन रहे हैं. आलीशान महल तामीर किए जा रहे हैं… लेकिन जिन पूर्वजों ने इस ज़मीन को सींचा, आबाद किया… शहर को रौनक बख्शी… पर अब दुनिया को अलविदा कह चुके हैं तो उनकी ज़मीन तंग की जा रही है. ज़िंदा कौमे अपने मुर्दों से ऐसा सुलूक क्यों कर रही है… यह बड़ा सवाल है!

इसी सवाल को ज़ेहन में रखते हुए जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के असिस्टेंट सेक्रेट्री इंतज़ार नईम ने संघर्ष किया और वो अब एक लंबे संघर्ष के बाद कामयाब रहे.

इंतज़ार नईम (असिस्टेंट सेक्रेट्री, जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द)

इंतज़ार नईम (असिस्टेंट सेक्रेट्री, जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द)

दरअसल, मामला दिल्ली के इंद्रप्रस्थ मिलेनियम पार्क का है. आरटीआई से मिले दस्तावेज़ों के मुताबिक दिल्ली का यह प्रसिद्ध पार्क कब्रिस्तान की ज़मीन पर है. दिल्ली वक्फ बोर्ड से मिले दस्तावेज़ बताते हैं कि दिल्ली सरकार ने अहल-ए-इस्लाम कब्रिस्तान की दस एकड़ ज़मीन इस पार्क के लिए ली थी. बची चार एकड़ ज़मीन कब्रिस्तान के नाम पर छोड़ दी गई थी. पार्क के लिए ज़मीन लेते समय यह भी कहा गया था कि जब ट्रस्ट को ज़मीन की ज़रूरत होगी, सरकार वो ज़मीन सौंप देगी.

स्पष्ट रहे कि 34 एकड़ में फैले इस पार्क को विकसित करने का काम 2000 में शुरू हुआ और इसका काम 2002 में पूरा हुआ.

जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द से जुड़े इंतज़ार नईम ने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया. उनके कोशिशों के बाद अभी दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने डीडीए को पत्र लिखकर कब्रिस्तान की ज़मीन प्रबंधन कमिटी को सौंप देने का आदेश दिया है.

इंतज़ार नईम तमाम कागज़ात दिखाते हुए बताते हैं कि वो पिछले चार साल से लगातार इसके लिए कोशिश कर रहे थे. आखिरकार उन्हें अब जाकर कामयाबी मिली है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) भी 14 एकड़ ज़मीन कब्रिस्तान प्रबंधन कमिटी को सौंपने के लिए राज़ी हो गई है.

इंतज़ार नईम मीडिया से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए बताते हैं कि कुछ समाचारपत्र बगैर तथ्य जाने कब्रिस्तान वापस मिलने की ख़बर को लोगों के बीच ग़लत ढंग से परोस रहे हैं. उनको ऐसा करने से बचना चाहिए.

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