BeyondHeadlines News Desk
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने इस साल बकरीद यानी ईद-उल-अज्हा नहीं मनाने का निर्णय लिया है.
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर आई बाढ़ और उससे हुई तबाही तथा पटना में दशहरा त्यौहार मनाने के दौरान भगदड़ में बड़े पैमाने पर लोगों के मारे जाने पर यह फैसला लिया है.
इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने ईद को मनाने के लिए निर्धारित अपनी व्यक्तिगत धनराशि को प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में देने का भी फैसला लिया है.
ईद की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि मक्का की वार्षिक यात्रा हज के पूरा होने के बाद यह त्यौहार पूरी दुनिया के मुस्लिमों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
स्पष्ट रहे कि डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने 17 सितम्बर, 2014 को जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और राहत के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत 120 करोड़ रूपये देने की घोषणा की थी.