BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : यूपी के सैफई हवाई अड्डे पर अब तक 9249.42 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन इसके बावजूद सरकार के पास हवाई अड्डे की उड़ानों और आमदनी का कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं है.
यह हम नहीं, बल्कि सूचना के अधिकार के तहत सामाजिक संगठन ‘तहरीर’ के संस्थापक अध्यक्ष ई० संजय शर्मा को सिविल एविएशन डायरेक्टोरेट से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बता रहे हैं.
स्पष्ट रहे कि वर्ष 2006 में मुलायम सरकार ने पुरानी हवाई पट्टी का क्षेत्रफल बढ़ाकर लगभग तीन गुना कर दिया था. लेकिन इसकी हालत काफी खस्ता थी. सितम्बर 2012 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर हवाई पट्टी को हरा-भरा खूबसूरत बनाने का फरमान जारी हुआ. इस कार्य के लिए उद्यान विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई.
जनवरी 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि वो अपने गांव सैफई की धुंआधार विमान यात्राएं करके जनता के धन की बर्बादी कर रहे हैं. विमान यात्राओं के आंकड़े पेश किए गए. बताया गया कि खुद मुख्यमंत्री साहब अब तक 46 और वारिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव 51 बार हवाई जहाज से सैफई की यात्रा कर चुके हैं.
लेकिन अब जब संजय शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत हवाई अड्डे की उड़ानों और आमदनी का कोई ब्यौरा मांगा तो सरकार ने देने से मना कर दिया, यह कहते हुए कि जानकारी उपलब्ध नहीं है.
संजय बताते हैं कि अब वो सूबे के राज्यपाल से मिलकर जनता को कोई लाभ न पंहुचाने बाले इस सैफई हवाई अड्डा के प्रोजेक्ट पर जनता के 92 करोड़ रुपयों की भारी भरकम रक़म की शाहखर्ची को मंजूरी देने की पत्रावली के आधार पर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करेंगे.
