BeyondHeadlines News Desk
सीपीआई (एम) और सीपीआई के नेताओं के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वी दिल्ली में त्रिलोक पूरी का दौरा किया और दीवाली की रात को शुरू हुए हाल की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय निवासियों से मुलाकात की.
प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावित स्थल ब्लॉक 20 जहां माता की चौकी अभी भी मौजूद है, का दौरा किया. इसके अलावा ब्लॉक 22, 26, 27, का भी दौरा किया. साथ ही एक सौ से अधिक स्थानीय निवासियों के साथ बात की, जिन्होंने दहशत व आतंक के किस्से सुनाए.
इस सांप्रदायिक हिंसा में पांच दुकाने जल कर तबाह हुई. जो सभी अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों की थी. साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने में जिन लोगों का हाथ था, उनमे दो लोगों का नाम दोनों पक्षों के लोगों ने बताया वह हैं, भाजपा के पूर्व विधायक सुनील वैद और राम चरण गुजराती. ब्लॉक 28 में निवासियों ने बताया कि उनकी दुकानों के ताले तोड़ कर दंगाईयों ने सामान लूट लिया.
स्थानीय लोगों के साथ चर्चा से स्पष्ट था कि सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण किया गया था. भाजपा ने चुनावी लाभ के लिए फिर से अपनी इस सुनियोजित रणनीति का प्रयोग किया है.
बाद में प्रतिनिधिमंडल ने थाना मयूर विहार में डीसीपी पूर्व जिला, अजय कुमार और एसएचओ से मुलाकात की. उनके साथ क्षेत्र में मौजूदा स्थिति और बाद में सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उठाए गए क़दमों पर चर्चा की. ऐसी स्थिति दोबारा न हो इसके लिए उठाये क़दमों पर भी चर्चा की.
पांच दुकानों के जलने के बारे में भी पुलिस से पूछा. 25 अक्टूबर की सुबह को जली एक दुकान के बारे में डीसीपी ने बताया कि दुकान जलने की वजह शॉर्ट सर्किट थी. अन्य 4 दुकानों के जलने के कारणों के बारे में वे जवाब नहीं दे पाए.
प्रतिनिधिमंडल ने उप-राज्यपाल से मांग है कि:-
- साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, इनमें दो नाम प्रमुख हैं – सुनील वैद और राम चरण गुजराती
- दुकानें जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए
- दंगों के दौरान हुए नुक़सान का आंकलन किया जाए
- प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए
- पर्याप्त निवारक उपाय किये जाएं, ताकि भविष्य में कोई ऐसी अप्रिय घटना न हो.
प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद सलीम (सांसद, सीपीआई (एम)), सुभाषिनी अली, जोगेंद्र शर्मा, पीएमएस ग्रेवाल, सीपीआई व सीपीआई (एम) के सभी केंद्रीय समिति के सदस्यों के दिल्ली के अहम पदाधिकारी भी शामिल थे.