BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : नरेन्द्र मोदी की केन्द्र मे सरकार बनने के बाद देश में बढ़ रही सांप्रदायिकता और कारपोरेट लूट के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों व जन संगठनों की बैठक विधानसभा मार्ग लखनऊ स्थित माकपा कार्यालय में शनिवार को संपन्न हुई.
बैठक में माकपा, भाकपा माले, भाकपा, आईपीएफ, नागरिक परिषद, अमन एकता मंच, सामाजिक न्याय मंच, वर्करर्स काउंसिल, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), एडवा, एसएफआई, सीटू, जसम, क़लम विचार मंच और रिहाई मंच समेत अनेक जनपक्षधर संगठनों ने भाग लिया और यह तय किया कि मोदी सरकार की जन विरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत 10 नवंबर से लखनऊ से की जाएगी.
आयोजित बैठक में नेताओं ने मोदी सरकार की जन विरोधी आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि देश में अच्छे दिन लाने के वादे के साथ सत्ता में आई इस सरकार ने अब तक जितने भी फैसले लिए हैं, वे न केवल जनविरोधी हैं बल्कि केवल कारपोरेट का हित संवर्धन करने वाले हैं.
नेताओं ने कहा कि आज मोदी सरकार के 150 दिन बीत चुके हैं, लेकिन आम आदमी को राहत की बात तो दूर सरकारी नौकरियों में भर्ती पर एक साल तक तत्काल प्रभाव से रोक लगाने जैसे फैसले तथा काले धन पर की जा रही लफ्फाजी ने मोदी सरकार की असलियत उजागर कर दी है.
बैठक में यह तय हुआ कि कि दस नवंबर से लखनऊ शहर के विभिन्न स्थानों छितवापुर, अमीनाबाद, जुग्गौर, खदरा, बिल्लौजपुरा, सुरेन्द्र नगर, इंटौजा, मडियांव, दरोगा खेड़ा, गोमती नगर आदि जगहों पर जन सभाएं की जाएंगी.
इसके साथ यह भी तय किया गया कि लखनऊ से लगे हुए सीमावर्ती जिलों में भी इसी दौरान जन सभाएं और नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर मोदी सरकार की जन विरोधी तथा कार्पोरेट हितैषी नीतियों का पर्दाफाश आम जन के बीच किया जाएगा.
बैठक में मौजूद नेताओं ने ‘सांप्रदायिकता व कारपोरेट लूट के खिलाफ जन अभियान’ में यह भी तय किया कि मोदी सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ एक लंबा अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा.
इस अवसर पर माकपा के जिला मंत्री प्रदीप शर्मा, रिहाई मंच के अध्यक्ष मो0 शुऐब, भाकपा माले के केन्द्रीय समित के सदस्य मोहम्मद सलीम, जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर, भाकपा के जिला मंत्री मो0 खालिक, सामाजिक न्याय मंच के राधवेन्द्र प्रताप सिंह, वर्कर्स काउंसिल के ओपी सिन्हा, आईपीएफ नेता दिनकर कपूर, नागरिक परिषद के रामकृष्ण, एडवा की सीमा राना, जन मंच फैजाबाद के दिनेश सिंह, भारतीय नौजवान सभा के प्रवीन सिंह, सीटू के आर.बी. वाजपेयी, सोशलिस्ट पार्टी के मो. सलीम, शाहनवाज़ आलम, हरेराम मिश्र आदि मौजूद रहे.