BeyondHeadlines News Desk
बसपा अध्यक्षा बहन मायावती तथा राज्यसभा सांसद अखिलेश दास द्वारा लगाए गए आरोप-प्रत्यारोप अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है.
लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों को इस सम्बन्ध में ईमेल द्वारा शिकायत भेज कर इन आरोपों की जांच करने और इन पर तदनुसार कठोर विधिक कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया है.
उन्होंने कहा कि आईएनसी बनाम इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल वेलफेयर सहित तमाम निर्णयों में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग को किसी राजनैतिक दल द्वारा देश के स्थापित क़ानून को तोड़ने की दशा में उसे अपंजीकृत करने का अधिकार और दायित्व है, जैसा इस मामले में बसपा पर श्री दास द्वारा आरोपित किया गया है.
उन्होंने यह भी कहा है कि ये आरोप-प्रत्यारोप आईपीसी की धारा-171ई (रिश्वत- एक साल की सजा) और 171एफ (निर्वाचन में असम्यक असर डालना– एक साल की सजा) के तहत अपराध है.
उन्होंने इस मामले में मायावती तथा दास से पूछताछ कर बसपा और इन दोनों को दोषी पाए जाने की स्थिति तक उनके खिलाफ आपराधिक तथा निर्वाचन विधि में कार्यवाही की मांग की है.