BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच ने संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र बताने को न केवल संविधान विरोधी बल्कि देशद्रोह क़रार दिया है.
‘घर वापसी’ जैसे सांप्रदायिक एजेण्डे को लेकर प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे धर्म जागरण समिति के राजेश्वर सिंह व भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार करते हुए तत्काल आरएसएस व धर्म जागरण समिति को प्रतिबंधित करने की मांग भी की है.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि जिस तरीके से देश को मोहन भागवत हिंदू राष्ट्र कह रहे हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी जब मानते हैं कि सरस्वती शिशु मंदिर दंगाई पैदा करने की फैक्ट्री हैं तो ऐसे में प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाते हुए सरस्वती शिशु मंदिरों की मान्यता रद्द करे.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि चाहे मुलायम हो या मायावती दोनों सिर्फ बोलते हैं, इन देश द्रोही सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाई से बचते हैं. इसी तरह मायावती भी मानती थीं कि योगी आदित्यनाथ की गतिविधियां देश विरोधी हैं पर उनके खिलाफ उन्होंने यह मानते हुए भी कोई कार्यवाई नहीं की.
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के बाद जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया, उसी तरह हिंदू राष्ट्र और घर वापसी जैसे सांप्रदायिक एजेण्डे पर चल रही राजनीति पर उसे संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि सांप्रदायिक तत्व हिंसा प्रायोजित कर रहे हैं.
रिहाई मंच नेता हरे राम मिश्रा ने कहा कि मुजफ्फरनगर के परसौली गांव में जिस तरह से देश पाल नामक एक व्यक्ति द्वारा मंदिर में मांस फेंकने की घटना सामने आई है, उससे साफ हो गया है कि हिन्दुत्ववादी संगठन प्रदेश व देश को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं. जिसके तहत भाजपा और शिवसेना जैसे संगठनों ने महा पंचायत बुलाकर सांप्रदायिकता भड़काने की साजिश भी रची पर हिंदू व्यक्ति द्वारा मांस फेंकने की घटना के सामने आने के बाद वह पीछे हट गए.
उन्होंने कहा कि सिर्फ जनता परिवार बना लेने से नहीं, बल्कि अगर तार्किक तौर पर इन सांप्रदायिक तत्वों के फन को कुचला नहीं गया तो यह समाज में अपना विष घोलते रहेंगे और हम कभी मुजफ्फरनगर तो कभी भागलपुर में मानवीय सभ्यता के क्रूर अध्याय की लाशें गिनते रहेंगे.