BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि आज ही के दिन मौलाना तारिक़ कासमी को आज़मगढ़ के रानी की सराय से एसटीएफ द्वारा अवैध हिरासत में लिया गया था. आज उस अवैध हिरासत को सात वर्ष पूरे हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि आरडी निमेष कमीशन की रिपोर्ट में जब तारिक़ कासमी की गिरफ्तारी को ही संदिग्ध क़रार दे दिया गया है, ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा उस रिपोर्ट पर अमल न करना यह साफ करता है कि प्रदेश सरकार एसटीएफ-एटीएस और आईबी के अफसरों को बचाते हुए इंसाफ का क़त्ल कर देने पर आमादा है. प्रदेश सरकार आतंकवाद के नाम पर जेलों में कैद बेगुनाहों को रिहा करने की अपनी घोषणा से भी पीछे हट चुकी हैं.
मोहम्मद शुऐब जो कि तारिक़ के वकील भी हैं, ने कहा कि जेल में बंद तारिक़ कासमी ने अपनी अवैध गिरफ्तारी और प्रताड़ना के सात साल पूरे होने पर इंसाफ तथा जेल से रिहाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खुद को इंसाफ देते हुए दोषी पुलिस और एटीएस-एसटीएफ अफसरों पर कानून सम्मत कारवाई की मांग की है.
तारिक़ कासमी ने अपने पत्र में निमेष आयोग की रिपोर्ट को अमल में लाने की मांग की है.
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि तारिक़ कासमी द्वारा भेजे गए इस पत्र में आर.डी. निमेष कमीशन की उस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें पुलिस की पूरी गिरफ्तारी पर ही सवाल उठाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि अगर आर.डी. निमेष कमीशन पर अखिलेश सरकार ने वक्त रहते अमल कर लिया होता तो मौलाना खालिद मुजाहिद की हिरासत में हत्या नहीं हुई होती और उन्हें फर्जी तरीके से फंसाने वाले पुलिस अफसर आज जेलों में बंद होते. इस मामले में आज तक प्रदेश सरकार का रवैया इंसाफ के खिलाफ ही रहा है.
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मौलाना खालिद मुजाहिद को भी पुलिस द्वारा 16 दिसंबर को मडि़याहूं से अवैध तरीके से गिरफ्तार किया गया था. इस अवैध गिरफ्तारी के विरोध और इंसाफ के कातिलों पर कारवाई की मांग को लेकर 16 दिसंबर को रिहाई मंच द्वारा अवैध गिरफ्तारी विरोध दिवस मनाया जाएगा. जिसके तहत दोपहर 11:30 (साढ़े ग्यारह बजे) बजे से प्रेस क्लब लखनऊ में ‘अवैध गिरफ्तारी और इंसाफ की लड़ाई’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन होगा.
इस सेमिनार वरिष्ठ चिंतक मुद्राराक्षस, दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार प्रशान्त टंडन, साहित्यकार शिवमूर्ति तथा खालिद के चचा ज़हीर आलम फलाही बतौर वक्ता मौजूद रहेंगे.
तारिक़ क़ासमी द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार को लिखे गए पत्र को आप यहां देख सकते हैं…
