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महिलाओं के जिंस पहनने का विरोध करने वाली पार्टी को ‘महिला स्वतंत्रता’ पर बोलने का कोई हक़ नहीं –आशुतोष

कभी पत्रकारिता में सक्रिय आशुतोष इन दिनों दिल्ली की राजनीति में पूरी तरह से रम गए हैं. किन मुद्दों पर क्या बोलना है. कैसे जनता को पार्टी से जोड़ना है. यह कला आशुतोष को बखूबी मालूम है.  पेश है BeyondHeadlines के लिए पत्रकार अवधेश कुमार का आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष से बातचीत का प्रमुख अंश…

पिछली बार आम आदमी पार्टी के लिए जनलोकपाल एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन इस बार पार्टी इस पर ध्यान ना देते हुए अन्य बातों को चुनावी मुद्दा बना रही है?

आशुतोष- इस बार हमारा नारा हैं पांच साल केजरीवाल… वो इसीलिए हैं कि इन पांच सालों मे हम सभी वादे पूरे करेंगे जो हमने जनता से किए हैं. जिसमें जनलोकपाल, भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली, महिलाओं की सुरक्षा और दिल्ली को पूर्ण राज्य़ का दर्जा जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं.

भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी को महिला विरोधी पार्टी बता रही है. साथ ही प्रतिदिन आप पार्टी से पांच सवाल पूछ रही हैं, इस पर क्या कहना चाहेंगे और पार्टी उन सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रही है?

आशुतोष- जिस पार्टी के नेता यह कहें कि महिलाएं जींस ना पहने, घर मे रहें, और चार-चार बच्चे पैदा करें उस पार्टी को यह सवाल पूछने का अधिकार नहीं है. वहीं भाजपा द्वारा किए जा रहें सवालों में ऐसा कुछ नहीं हैं, जिसका जवाब दिया जाए. मीडिया तक उन सवालों को गंभीरता से नहीं ले रही है. सब जानते है कि उन सवालों में क्या है और क्या नहीं.

अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती हैं तो बिजली पानी के अलावा पार्टी के लिए क्या-क्या मुद्दे होंगे?

आशुतोष- मुद्दा मायने नहीं रखता है. आम आदमी पार्टी चाहती हैं कि दिल्ली का समग्र विकास होना चाहिए. दिल्ली के सभी नागरिकों और सभी तबके के लोगों को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए.

पिछली बार केन्द्र और राज्य सरकार में टकराव हुआ था. अगर इस बार भी वही स्थिति बनती हैं तो क्या होगा?

आशुतोष- हम पहले से ऐसा नहीं मानते हैं. भारत का ढांचा संघीय व्यवस्था पर आधारित है. इसलिए इसमें केन्द्र और राज्य में समंवय की बात होनी चाहिए. देश में जहां-जहां विपक्ष की सरकार है, ऐसे तो वहां भी विकास की जगह टकराव होता रहेगा. राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करना चाहिए.

क्या आपको दिल्ली में मोदी लहर से डर नहीं लगता?

आशुतोष- दस जनवरी को रामलीला मैदान में मोदी ने रैली की थी. उसी से अंदजा लगाया जा सकता हैं कि दिल्ली में कितनी मोदी लहर है. बाकी दस तारीख को जनता बता देगी कि किसकी लहर हैं.

दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के अंतर्गत नहीं आती हैं. ऐसे मे आप ने 49 दिन की सरकार में कहा था कि दिल्ली पुलिस सरकार की नहीं सुन रही है. अगर दोबारा ऐसा होता हैं तो आपकी पार्टी क्या करेगी?

आशुतोष- हम पहले से ऐसा नहीं मानते हैं कि उनसे हमारा टकराव होगा. हम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने की कोशिश करेंगे और जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो यह समस्या अपने आप ही समाप्त हो जाएगी.

अगर दिल्ली में पहले जैसे समीकरण बनते हैं और किसी भी पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत में नहीं आती है, तो क्या आम आदमी पार्टी दोबारा कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाएगी?

आशुतोष- यह सवाल ही नहीं उठता हैं. इस बार हमारी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बना रही है. यह तो अब भाजपा वाले भी कह रहे हैं.

हाल ही में दिल्ली में त्रिलोकपुरी सहित अन्य जगहों पर दंगे हुए, इस पर क्या सोचते हैं ?

आशुतोष- दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को अपनी ज़मीन कमजोर दिखाई पड़ रही थी. इसलिए उन्होंने वोट बैंक भूनाने और लोगों को गुमराह करने के लिए यह दंगे कराए.

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