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क्या भारत ग़रीबों का देश है!

By Mehboob Khan

महासचिव बान की मून ने विश्व नेताओं से गुहार लगाई है कि वो दुनिया भर में मौजूद गम्भीर चुनौतियाँ का सामना करने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें.

बान की मून ने भारत की राजधानी दिल्ली में Indian Council of World Affairs की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन चुनौतियों में आतंकवाद, ग़रीबी और लोगों का बेघर होना शामिल हैं.

बान की मून का कहना था, “हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जिसमें क़दम-क़दम पर इम्तेहान और चुनौतियां रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बन गए हैं.”

“अरबों लोग ग़रीबी में जीवन जीने की चुनौती का सामना करते हैं. इनमें से क़रीब पचास करोड़ तो अकेले भारत में ही हैं.”

“पूरी दुनिया में इतने लोग दर बदर यानी विस्थापित हैं जितने कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद कभी भी बेघर नहीं हुए. आतंकवादी गुट अनेक स्थानों पर लोगों में डर फैलाते हैं जिससे अस्थिरता पैदा होती है.”

बान की मून ने संयुक्त राष्ट्र के शान्ति अभियानों के लिए खुले दिल से योगदान करने के लिए भारत की तारीफ़ भी की.

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में भारत के क़रीब आठ हज़ार शान्ति सैनिक सहायता कर रहे हैं.

उनमें से 158 भारतीय शान्ति सैनिक ड्यूटी निभाते हुई अपनी जान भी दे चुके हैं जिसके लिए उन्हें सैल्यूट किया जाता है. (Courtesy: unmultimedia.org)

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