BeyondHeadlines News Desk
लखनऊ : विश्व हिन्दू परिषद के नेता व पूर्व भाजपा सांसद राम विलास वेदांती द्वारा फरवरी में फैजाबाद में तीन हजार मुस्लिमों के ‘घर वापसी’ जैसे घोर सांप्रदायिक अभियान की तैयारियों को देश के सांप्रदायिक विभाजन की रणनीति क़रार देते हुए रिहाई मंच ने सपा सरकार से राम बिलास वेदांती को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है.
रिहाई मंच ने कहा कि ये वही ताक़तें हैं, जिन्होंने सिर्फ बाबरी मस्जिद का विध्वंस ही नहीं किया, बल्कि देश की साझी विरासत-साझी शहादत को भी तहस-नहस किया था.
आज एक बार वे फिर से ‘घर वापसी’ जैसे सांप्रदायिक अभियानों के नाम पर पूरे अवध को सांप्रदायिक हिंसा में झोंकने की साजिश रच रहे हैं.
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा है कि राम विलास वेदान्ती द्वारा ‘घर वापसी’ जैसी सांप्रदायिक मुहिम चलाकर सांप्रदायिकता भड़काना और सरकारों द्वारा उनका सरंक्षण करना नई बात नहीं है. मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए राम विलास वेदान्ती खुद अपने शिष्यों प्रमोद कुमार और रमेश चन्द जैसों से कभी अलकायदा के नाम पर फोन तो कभी चिट्ठी लिखवाकर आतंकवाद का फर्जी माहौल बनवाते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या को जिस तरह से सरकारें इन हिन्दुत्वादी नेताओं द्वारा मसखरी करने जैसी परिघटना में देखती हैं, उससे इनके हौसले बढ़ते हैं. ठीक इसी तरह 2013 में चौरासी कोसी परिक्रमा के नाम पर जो सांप्रदायिकता फैलाने की खुली छूट इन हिन्दुत्ववादी संगठनों दी गई उसी का एक क्रूरतम अध्याय मुज़फ्फरनगर के रुप में हमारे सामने आता है.
राम विलास वेदांती हों या फिर बजरंग दल सरीखे सांप्रदायिक संगठन जिनके कार्यकर्ता कानपुर में बम बनाते हुए उड़ गए थे, अगर सपा सरकार सचमुच सांप्रदायिकता से लड़ना चाहती है तो इनकी आतंकी करतूतों की फाइल खुलवा दे, तो इनकी ‘घर वापसी’ की जगह जेल वापसी सुनिश्चित हो जाएगी.