दिल्ली के 36 हज़ार वोटरों ने किया ‘नोटा’ का प्रयोग

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BeyondHeadlines News Desk

दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. शायद दिल्ली में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी एक पार्टी को 67 सीटें मिली हों.

इन सबके बीच हम आपको बता दें कि भले ही लगभग पूरी दिल्ली अरविन्द केजरीवाल को सीएम के तौर पर देखना चाहती थी. लेकिन वहीं दिल्ली के कई लोगों को न कांग्रेस पसंद है, न भाजपा और न ही आम आदमी पार्टी… ऐसे मतदाताओं की संख्या दिल्ली में तकरीबन 35924 है, जिसने ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी ‘नोटा’ बटन का प्रयोग किया. पिछले चुनाव यानी 2013 में यह संख्या 49125 थी.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 2013 के सितंबर महीने में ईवीएम में नोटा का बटन शामिल करने का आदेश दिया था, ताकि मतदाताओं को यह अधिकार मिले कि वे इस बटन को दबाकर चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सके. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही चुनाव आयोग ने 2013 में ही मिजोरम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में नोटा के विकल्प की शुरुआत की थी. हालांकि निर्वाचन आयोग के अनुसार नोटा विकल्प के अंतर्गत प्राप्त मतों की गणना अवैध मतों के रूप में की जाएगी.

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