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सांप्रदायिक आतंकवादियों के अच्छे दिन आ गए हैं -रिहाई मंच

BeyondHeadlines News Desk

लखनऊ : बिगड़ती कानून व्यवस्था, वादा खिलाफी, राजनीतिक भ्रष्टाचार और मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ रिहाई मंच ने लक्ष्मण मेला मैदान लखनऊ में ‘इंसाफ दो’ धरना दिया. इस धरने के माध्यम से 23 सूत्रीय ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंपा.

आज़मगढ़ से आए रिहाई मंच के नेता तारिक़ शफीक ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर फर्जी फंसाए गए मौलाना खालिद की हत्या की विवेचना कर रहे विवेचक जिस तरह से आरोपी पुलिस एवं आईबी के 42 अधिकारियों को बचाने में लगे हैं, वह न्याय की हत्या है.

उन्होंने कहा कि विवेचना में जिस तरह से दूसरी बार भी फाइनल रिपोर्ट लगाई गई है, वह साबित करती है कि अखिलेश सरकार खालिद को इंसाफ देने वाली नहीं है.

तारिक शफीक ने निमेष आयोग की रिपोर्ट पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट जारी करने की मांग करते हुए 42 पुलिस अधिकारियों पर मुक़दमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की. साथ ही यह कहा कि सपा सरकार के दौरान आतंकवाद के आरोप से अदालत से दोषमुक्त हो चुके पांच बेगुनाहों का पुर्नवास राज्य सरकार द्वारा तुरंत किया जाए.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में जिस तरह बेगुनाहों का एनकाउंटर के नाम पर क़त्ल करने वाले बंजारा को छोड़ा जा रहा है और मुज़फ्फनगर के बेगुनाहों के कातिल संगीत सोम के बाद अब सुरेश राणा को भी जेड-प्लस सुरक्षा दी गई है, उससे साफ हो गया है कि सांप्रदायिक आतंकवादियों के अच्छे दिन आ गए हैं.

इलाहाबाद से आए सामाजिक न्याय मंच के नेता राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि पिछड़ों की हितैशी बताने वाली सपा सरकार में सामंती ताक़तों के हौसले बुलंद हैं. पिछले दिनों जालौन के माधौगढ़ के दलित अमर सिंह दोहरे की सामंतों द्वारा नाक काटे जाने की घटना इसका ताजा उदाहरण है.

केन्द्र की मोदी सरकार ने जीवन रक्षक दवाओं का दाम बढ़ाकर आम जनता के बुरे दिनों की शुरुआत कर दी है, जिस पर प्रदेश सरकार की चुप्पी स्पष्ट करती है कि वह भी ग़रीब बीमार जनता के खिलाफ दवा माफिया के साथ खड़ी है.

उन्होंने मांग की कि अखिलेश सरकार जिला अस्पतालों पर कैंसर, दिमागी बुखार और अन्य जानलेवा बीमारियों के इलाज के लिए विशेष चिकित्सा इकाई स्थापित करे तथा प्रदेश में चल रहे अवैध अस्पतालों को तत्काल बंद कराए.

राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बीटीसी प्रशिक्षुओं के धरने का समर्थन करते हुए उनकी मांगों का समर्थन किया है.

चित्रकूट से आए रिहाई मंच के नेता लक्ष्मण प्रसाद और हाजी फहीम सिद्दीकी ने कहा कि राजधानी में ही बलात्कारियों का हौसला इतना बढ़ गया है कि पिछले दिनों एक बलात्कार पीडि़ता जब बयान देने आयी थी तो चारबाग से ही उसका अपहरण हो गया.

वहीं मानिकपुर इलाके की एक घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आज नौकरशाही में शामिल लोगों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि नीली बत्ती लगी गाड़ी में युवती को खींचकर सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है.

शिवदास प्रजापति ने कहा कि सोनभद्र में बिल्ली-मारकुंडी खनन हादसे में मारे गए दस मजदूरों की मौत की मजिस्ट्रीरियल जांच दो साल बाद भी पूरी नहीं हुई है. उन्होंने मांग की कि सरकार इस हादसे में पीडि़त परिवारों को तत्काल मुआवजा दे.

गुफरान सिद्दिकी और हरेराम मिश्र ने कहा कि आज पूरा सोनभद्र अवैध खनन की मंडी बन चुका है और इसमें नेता, नौकरशाह तक शामिल हैं. खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के मामले को हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की अगुआई में गठित एसआईटी द्वारा जांच करवाई जाए तथा गायत्री प्रसाद और उनके सहयोगियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक मामला दर्ज किया जाए.

ऑल इंडिया वर्कर्स काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष शिवाजी राय ने कहा कि गन्ना तथा धान के खरीद में पूरी तरह से फेल हो चुकी अखिलेश सरकार मोदी सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों के मूल्य को बाजार के हवाले करने की नीति पर प्रदेश सरकार ने चुप्पी साध रखी है.

नागरिक परिषद के रामकृष्ण ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस वे योजना में 232 परिवारों को उजाड़ा गया, लेकिन अभी तक उनका पुर्नवास नहीं किया गया है. साथ ही अंग्रजों द्वारा बनाए गए भूमि अधिग्रहण कानून को तत्काल रद करने की मांग की. सपा सरकार में राजनैतिक आंदोलनकारियों पर मुकदम दर्ज किए जा रहे हैं.

राम कृष्ण ने मांग की कि राजनैतिक आंदोलनकारियों पर दर्ज मुक़दमें वापस लिए जाएं और संविदा कर्मियों को तत्काल स्थाई करते हुए संविदा प्रथा बंद की जाए.

धरने का संचालन अनिल यादव ने किया. धरने में प्रमुख रुप से हाजी फहीम सिद्दीकी, कमर सीतापुरी, आदियोग, धर्मेन्द्र कुमार, खालिद कुरैशी, अमित मिश्रा, रामबचन, होमेन्द्र मिश्रा, इनायतउल्ला खां, अजीजुल हसन, अमेन्द्र, कमरुद्दीन कमर, डा. एसआर खान, रवि कुमार चौधरी, अनस हसन, अंशुमान सिंह, सत्येन्द्र कुमार, फशीद खान, जैद अहमद फारूकी, केके शुक्ल, मो0 आफाक, शुएब, मो0 शमी, हाशिम सिद्दीकी, इशहाक नदवी, शाहनवाज़ आलम, राजीव यादव आदि शामिल थे.

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