भाजपा ने झूठ, फरेब, पाखंड व जुमलों के साथ-साथ नकारात्मक और विध्वंसकारी दृष्टिकोण अपना लिया है. भाजपा की राजनीति, रणनीति एवं चुनाव अभियान सदैव सामाजिक भड़काउ तथा विध्वंसकारी होता है.
दिल्ली चुनाव में हार की आहट सुनकर ये लोग बौखला गए हैं. झारखण्ड में दूसरे दलों में तोड़-फोड़ कर रहे हैं. बिहार में अस्थिरता फैला रहे हैं. इनके अपने बयानों में विरोधाभास है. इनका आचरण पूर्णतः नकारात्मक और समाज तोडू है.
मैं जोरदार तरीके से इसका प्रतिरोध करता रहा हूँ. भाजपा ने मर्यादा के सारे मानदंडों का उल्लंघन किया है. प्रधानमंत्री मोदी कितने महीनों से मुख्यमंत्री माँझी को मिलने का समय नहीं दे रहे थे, पर कल तत्काल अचानक एक घंटे उनसे मिलने का समय दे दिया. भाजपाई राजनैतिक मर्यादाओं की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं.
मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार के लोग घृणा, गाली-गलौज और वैमनस्यता फैलाने वाली राजनीति का जोरदार ढंग से जवाब देंगे, जो हमेशा से देते आये हैं. सकारात्मकता तो उनके डीएनए में है ही नहीं. बिहार में अराजक राजनीतिक परिस्थितियां निर्मित करने के लिए, गरीबों, वंचितों एवं उपेक्षितों में वैमनस्य फैलाने के लिए भाजपा माँझी को मोहरा बना रही है.
बिहार की शांतिप्रिय जनता के नुमाइंदे लोकतांत्रिक व्यवस्था में अराजक, समाज तोडू और विध्वंसकारी तत्वों के मंसूबों को सफल नहीं होने देंगे. भाजपा की घिनौनी राजनीति के लिए इतना ही कहूँगा –
“कब तक छिपोगे पत्तों की आड़ में,
एक दिन तो दिखोगे बीच बाजार में”