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नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण का काला इतिहास!

BeyondHeadlines News Desk

यादव सिंह प्रकरण पर एसआइटी द्वारा सीबीआइ (CBI) जांच के आदेश का आज मौलिक भारत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता ने स्वागत किया है.

कैप्टन विकास गुप्ता ने कहा कि उनकी संस्था मौलिक भारत के द्वारा नोएडा/ग्रे नोएडा/यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी में बडे पैमाने पर हुए भष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहा मुहिम अब निर्णायक मोड़ पर आ गई है.

कैप्टन विकास गुप्ता ने मीडिया में एसआइटी के चेयरमेन जस्टिस एम.बी.शाह को लिखे पत्र को जारी करते हुए कहा कि उन्होंने इस प्रकरण में सारे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ एसआइटी को  सौंपे थे. उन्होंने बताया कि तीनों अथॉरिटी में हुई नियुक्तियों के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुए. तीनों अथॉरिटी के बैंक अकाउंट से कुछ चुनिंदा कम्पनियों के बैंक अकाउंट में सीधे करोड़ो की धन राशि स्थानांतरित कर दी गई है.

कैप्टन विकास गुप्ता ने यह भी कहा कि उनके पास और भी दस्तावेज़ उपलब्ध हैं, वो सीधे एसआइटी एवं सीबीआइ को उपलब्ध कराएंगे.

गौरतलब है कि कैप्टन विकास गुप्ता, अनुज अग्रवाल (महासचिव),  संजय शर्मा इससे पहले नोएडा एवं लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यादव सिंह व उनके सिंडिकेट का भंडाफोड़ तथा यादव सिंह के राजनैतिक दलों के नेताओं से गठजोड़ व विदेशो में निवेश को उजागर कर चुके है. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर इस विषय पर लीपा पोती का आरोप भी लगाया है.

कैप्टन विकास गुप्ता द्वारा जस्टिस एम.बी. शाह को लिखे गए पत्र को आप यहां देख सकते हैं-

सेवा में ,

            माननीय जस्टिस एम.बी. शाह (चेयरमैन, SIT)

            संयुक्त सचिव (मेम्बर सेक्रेटेरी SIT)

            राजस्व विभाग, नॉर्थ एवेन्यू, नई दिल्ली-110001

महोदय,

नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण एवं यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण का अभी तक काला इतिहास रहा है. इन सभी प्राधिकरणों की स्थापना से अब तक प्रायः समस्त कार्यकाल में  अनियमितताएं तथा भ्रष्टाचार की कई शिकायतें विद्यमान रही है, परन्तु दुःख की बात यह है कि प्रशासनिक निरंकुशता एवं  माफियाओं का गठजोड़ पर प्रहार करने का दुस्साहस अभी तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं किया है. आपके ध्यानाकर्षण हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित है :-

  1. वर्ष 2002-15 की अवधि में नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण एवं यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण में संविदा श्रम शक्ति प्रदाता एजेंसियों के बैंक अकाउंट नंबर (प्रतिलिपि संलग्न) उन सभी कंपनी/फर्मो/व्यक्तियों से संबंधित बार्षिक टर्नओवर व स्वामित्व, साइनिंग अथॉरिटी, दिया जाने वाला वार्षिक इनकम टैक्स विवरण एवं पैन नंबर, वार्षिक सर्विस टैक्स विवरण, व्यवसाय/सेवा प्रारम्भ करने की तिथि, अकाउंट खोलने की तिथि, अकाउंट स्टेटमेंट, अकाउंट में प्राधिकरण के अकाउंट से जितनी राशि, जिस-जिस तिथि को भुगतान हुई की सघन जांच करने की आवश्यकता है, क्योंकि वास्तव में उन्होंने ऐसी कोई नियुक्तियां की ही नहीं थी. संविदा पर श्रम शक्तियों को रखने के बहाने उन्होंने फर्जी कंपनियों के अकाउंट नंबरों पर करोड़ों की राशि बंदरबांट कर दी. इस गंभीर गोलमाल की जांच अति आवश्यक है.
  2. संबिदा पर रखे गए कर्मियों के कर्मचारी भविष्य निधि पेंशन की सुविधा हेतु पंजीकरण नहीं कराये गए. इस सन्दर्भ में प्राधिकरण को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (श्रम मंत्रालय , भारत सरकार ) के उपक्षेत्रीय कार्यालय (ए-2सी , सेक्टर 24, नोएडा) के क्षेत्रीय प्रौविडेट फंड आयुक्त श्री मनोज कुमार यादव द्वारा नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को प्रौविडेट फंड योजना के अंतर्गत सुविधाएँ नहीं मिल पाने के सम्बन्ध में भेजी गई “SHOW CAUSE NOTICE” (पत्रांक संख्या –EPFO/SRO-Noida/compliance/2014-15/10656 Dated :14.11.2014) के सन्दर्भ में नोएडा विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी श्री वी.के. जैन के द्वारा निर्गत पत्र संख्या: नोएडा/वि.नि./Sr.FAO-J/2014/687दिनांक 27नवंबर2014 जारी होने के बाद प्राधिकरण के प्रमुख अभियंता, महाप्रबंधक (कार्मिक), मुख्य परियोजना अभियंता, मुख्य अनुरक्षण अभियंता (जल), मुख्य अनुरक्षण अभियंता (सिविल), लेखाधिकारी भविष्य निधि प्रकोष्ठ के जबाब एवं प्राधिकरण द्वारा इस सन्दर्भ में लिए गए निर्णय की जांच होना अति आवश्यक है.
  3. तीनों प्राधिकरणों के संयुक्त चीफ इंजीनियर श्री यादव सिंह ने अने कुकृत्यों को छिपाने के लिए ही इस पत्र को ठंढे बस्ते में रख दिया. वास्तव में उन्होंने ऐसी कोई नियुक्तियां की ही नहीं थी. संविदा पर श्रम शक्तियों को रखने के बहाने उन्होंने फर्जी कंपनियों के अकाउंट नंबरों पर करोड़ों की राशि बंदरबांट कर दी. यदि उन्होंने ऐसी कोई नियुक्ति की होती तो उसका रिकॉर्ड और भौतिक सत्यापन भी अवश्य हुआ होता. इसके साथ ही संविदा श्रम शक्ति प्रदाता एजेंसियों के टेंडरों में विधिवत एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाती. इन महत्वपूर्ण विन्दुओं के मद्देनजर जांच की आवश्यकता है.
  4. प्रवर्तन निदेशालय (DIRECTORATE OF ENFORCEMENT) द्वारा नोएडा विकास प्राधिकरण को भेजे गए पत्र संख्या ECIR/54/DZ/2010/AD(Rs)-SDS/403 दिनांक 23.02.2010 (नोएडा विकास प्राधिकरण के कुछ अफसरों के खिलाफ मनी लौन्डरिंग की शिकायत से सम्बंधित) के प्रतिउत्तर में नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अभी तक जबाब नहीं दिया गया. प्रवर्तन निदेशालय को अब वास्तव में जागने की आवश्यकता है .

हमारा विनम्र अनुरोध है कि इन संलग्न प्रतिलिपियों का कृपया आप अवलोकन करने का कष्ट करें. हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों से सम्बंधित विषयों के परिप्रेक्ष्य में यदि हमारे किसी सहयोग की आवश्यकता हो तो हमें अवश्य सूचित करने का कष्ट करें. मुझे आशा ही नहीं विश्वास है कि इस हेतु आपका सकारात्मक सहयोग हमें अवश्य मिलेगा.

                                                 आपका विश्वासी

                                           कैप्टेन विकास गुप्ता (सेवानिवृत )

स्थान : नोएडा

दिनांक: 21.01.2015

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