BeyondHeadlines News Desk
यादव सिंह मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पीआईएल दायर करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तथ्यों को छिपाने और हाई कोर्ट के सामने गलतबयानी का गंभीर आरोप लगाया है.
डॉ ठाकुर ने कहा है कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश को भेजा दिनांक 24 फ़रवरी 2015 का आदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से काले धन पर बने एसआईटी के आदेशों पर यादव सिंह मामले के सभी अभिलेख सीबीआई को देने के निर्देश मिले हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार इस आदेश को न सिर्फ मीडिया से छिपाए हुए है बल्कि उसने हाई कोर्ट के सामने भी गलतबयानी करते हुए इस आदेश का जिक्र नहीं किया है.
डॉ. ठाकुर ने कहा कि उन्हें औद्योगिक विकास विभाग का दिनांक 14 मार्च का हलफनामा आज प्राप्त हुआ है, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए जस्टिस अमरनाथ वर्मा कमीशन का उल्लेख तो है पर सीबीआई जांच के सम्बन्ध में एसआईटी आदेश और उसके पालन में की गयी कार्यवाही का कोई जिक्र नहीं है.
उन्होंने कहा कि वे कल 16 मार्च को हाई कोर्ट की सुनवाई में भारत सरकार के इस आदेश की प्रति कोर्ट के सामने रखते हुए कोर्ट की मोनिटरिंग में यह सीबीआई जांच कराने का निवेदन करेंगी.