BeyondHeadlines News Desk
यादव सिंह मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर की पीआईएल में उत्तर प्रदेश सरकार और नॉएडा विकास प्राधिकरण के हलफनामे में कई गंभीर बातें सामने निकल कर आ रही हैं.
नॉएडा प्राधिकरण के आर.पी. सिंह द्वारा 13 जून 2012 को सेक्टर-39, नॉएडा में दायर एफआईआर में श्री सिंह के साथ वही परियोजना अभियंता रामेन्द्र कमीशनखोरी के अभियुक्त बनाए गए थे, जो 28 नवम्बर 2014 को इनकम टैक्स छापे में यादव सिंह के घर पर मिले और जिन्होंने इनकम टैक्स के सामने स्वीकारा था कि प्रत्येक अनुबंध अवार्ड में अवैध कमीशन लिया जाता था, जिसके आधार पर नॉएडा प्राधिकरण ने 08 दिसंबर 2014 को रामेन्द्र को निलंबित किया.
अतः जो बात दो साल पहले यादव सिंह के खिलाफ एफआईआर में कही गयी वह बाद में फिर स्थापित हुई लेकिन सीबीसीआईडी ने मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाया.
हलफनामे से यह बात भी सामने आई है कि प्रदेश सरकार ने सीबीसीआईडी विवेचना मामले के एक अभियुक्त जेएसपी कंस्ट्रक्शन के संजय जैन के अनुरोध पर ट्रान्सफर किया था.
डॉ ठाकुर ने इन तथ्यों के आधार पर सीबीसीआईडी विवेचना के प्रथम दृष्टया ही गलत होने की बात कहते हुए इन बातों को हलफनामे के जरिये 16 मार्च की सुनवाई में कोर्ट के सामने रखने की बात कही है.