BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Reading: ये नाग अभी जवान नहीं हुआ है – इसे कुचल दिया जाना चाहिए!
Share
Font ResizerAa
BeyondHeadlinesBeyondHeadlines
Font ResizerAa
  • Home
  • India
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Search
  • Home
  • India
    • Economy
    • Politics
    • Society
  • Exclusive
  • Edit/Op-Ed
    • Edit
    • Op-Ed
  • Health
  • Mango Man
  • Real Heroes
  • बियॉंडहेडलाइन्स हिन्दी
Follow US
BeyondHeadlines > Mango Man > ये नाग अभी जवान नहीं हुआ है – इसे कुचल दिया जाना चाहिए!
Mango Man

ये नाग अभी जवान नहीं हुआ है – इसे कुचल दिया जाना चाहिए!

Beyond Headlines
Beyond Headlines Published April 6, 2015
Share
10 Min Read
SHARE

Gyanendra Awasthi 

पिरामिड की चोटी पर बैठे चंद लोगों के आगे कर्ज में दबी, गिरवी रखी हुई अर्थव्यवस्था वाली सरकारें घुटने टेक कर बड़े गिरोहों के टैक्स चोरी के रास्ते बंद करने वाले कानून (General Anti Avoidance Rules) को 2011 से टाल रही हैं. मोदी ने अगली तारीख 2016 दी है. सार्वभौम संसद का अपमान घुटने टेक देने से नहीं होता, लेकिन अगर कोई सच कह दे कि संसद में तो डकैत पाये जाते हैं, तब होता है.

बड़े-बड़े कॉर्पोरशन्स की नकेल कसने वाले 1 महायोद्धा -प्रशांत भूषण की राजनैतिक आवाज़ को धीमा किया जा सके, इसलिए कॉर्पोरेट एजेंडा उसे खुद की बनाई हुई पार्टी आम आदमी पार्टी से भी बाहर निकलवा देता है. दरअसल, व्यवस्था की गहरी समझ, कानूनों के मकड़जाल पर गिरफ्त, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम पर पैनी नज़र, मानवता के प्रति समर्पित आवाज़ जब राजनैतिक हस्तक्षेप करती है तब पिरमिड की चोटी पर बैठे लोगों को असली खतरे की घंटिया सुनाई पड़ने लगती हैं. लूट के कांग्रेसी दौर के बाद उसका परिष्कृत संस्करण बीजेपी और अब आर्थिक नीतियों पर आने वाले संभावित खतरे- आम आदमी पार्टी को चरित्र और आत्मा से विहीन करके कांग्रेस का तीसरा संस्करण बनाना “प्रगति” की ओर एक और क़दम है.

कल 10 महीने पुरानी, मुझे दी गई, शो-कॉज नोटिस को मेरे बॉस ने फिर से जिन्दा कर दिया. इस शो-कॉज नोटिस में मेरे उपर ये आरोप लगाया गया था कि मैं आम आदमी पार्टी से क्यों जुड़ा हुआ हूँ. क्या आज़ादी की लड़ाई इस देश नें इसलिए लड़ी थी कि कॉर्पोरेट्स में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को राजनैतिक विचार रखने और उसे प्रकट करने का कोई अधिकार नहीं होगा. इस आंदोलन को 4 साल देने के बाद भी मेरी इतनी सी बात नहीं सुनी गई कि विवाद और संदेह की स्थिति में सभी मामलों को लोकपाल के नेतृत्व में एक 5 सदस्यीय् समिति को सौंप कर जांच करा ली जाय. और उसके बाद कोई फैसला हो.

आज मेरे भारत के सपनों की पार्टी जबरन तोड़ दी गई और मेरे परिवार की आजीविका का साधन,मेरी जॉब खतरे में है. मुझे फिर से 42 की उम्र पर चौराहे पर लाने के लिए मैं किसे दोष दूं?

अर्थव्यवस्था ऐसे ऑर्गनाइज की जा रही है कि देश के सारे संसाधनों पर पिरामिड की चोटी पर बैठे लोग कब्ज़ा रखें और राज करें. बाक़ी 99 प्रतिशत जनता दिन रात इन नवोदित राजाओं के लिए काम करे अपने अपने टैलेंट्स को इन राजाओं के लिये हो रहे आर्थिक हवन में आहुती  देती रहे. अपना सब कुछ भूल कर, दिन रात एक करके मेहनत के बदले में मिलने वाले धन को खर्च करे और 33% औसत टैक्स भी दिन रात देता रहे. टैक्स के पैसों को सरकार फिर इस तरह खर्च करे कि ये जनता का खजाना भी यही चोटियों पर बैठे लोग अपने पक्ष में मोड़ लें.

इनकम टैक्स अलग से दें. जैसे इतना ही काफी ना हो जब मेहनत करने वाली जनता अपनी बचत को बैंक्स में रखे तो भी उसे यही चोटी पर बैठे लोग लोन के बहाने लेकर कभी वापस ना करें. और जब बैंक्स कमजोर पड़ने लगें तब बैंक्स को पूँजी भी जनता के खजाने से ही दी जाए और बैंको को इन्हीं चोटी के लोगों को धीमे-धीमे बेच भी दिया जाए. पिछले 10 सालों में बैंकों का 10,000,000,000,000 करोड़ रूपये डुबो दिए गए और अब बैंकों को 8,000,400,000,000 करोड़ रुपये की ज़रुरत है. ये पैसा सरकार अब बैंको को जनता के खजाने से दे रही है और बैंको में जनता के शेयर्स भी इन्हें ही बेच दिए जायेंगे. 6000 करोड़ रुपयों की एक किश्त बैंकों को सरकार ने अभी ताजा ताजा दी है.

सोचिए! अगर किसानों का 90 हजार करोड़ रुपया सरकार माफ़ कर देती तो कैसा हल्ला मचाया जाता. मतलब ये कि जबर लूटय् और रोने भी ना दे.

ये तो तब है जब पिछले 10 सालों में चोटी के लोगों को 42,000,000,000,000 रूपये की टैक्स वसूली ना करके सब्सिडी दी गई है. ये सरकार के दान की नदी  रोजाना करीब 1000 करोड़ रूपये प्रतिदिन के हिसाब से बहती रही है 10 सालों से अनवरत…

नहीं इतना ही काफी नहीं है. अब सरकार किसानों की ज़मीन को एक माफिया प्रॉपर्टी डीलर बनकर इन्हें चंद लोगों के हाथों में सौंप कर 40 करोड़ ग्रामीणों का शहरीकरण करके उन्हें मजदूर बनाकर गुलाम बनाने की योजना भी रखती है. इसीलिए 2.5 लाख किसानों की आत्महत्या के बावजूद भी सरकारों के कानों पर जूँ भी नहीं रेंगती, बल्कि इसके उलट महाराष्ट्र का एक गुंडा अपने मूत्र से बाँध को भरने की बात कहकर जले में नमक छिड़कता है.

शेल कंपनियां बनाकर खरबों की टैक्स चोरी को रोकने की औकात किसी सरकार में नहीं है. लेकिन सत्ता में आते ही कॉर्पोरेट टैक्स को 25% तक कर देने में सरकार अपना झंडा ऊंचा करती है. प्रोमिसरी नोट्स के माध्यम से यही पैसा वापस देश के वित्तीय बाज़ारों में खपाया जाना रोकने की बात तो बहुत दूर है. FDI के नाम पर एक बडा दरवाजा और चौड़ा खोला जाता है. और अकूत काले धन का मुद्दा तो केवल चुनावी जुमलेबाजी भर ही है.

देश की लौह अयस्क, कोयले, इत्यादि की खदानें भी इन्हीं चंद लोगों के हाथों दे कर हमारी आने वाली पीढ़ियों से भी दाम वसूल कर प्रॉफिट इन चंद लोगों की तिजोरियों में पहुंचाने की योजना डेवलपमेंट के नाम के पीछे चलाई जा रही है. और जितना लूटा जा चूका है उसकी वसूली के कोई उपाय इसलिए नहीं किये जा रहे हैं, क्योंकि इन्हीं के सइंया अब कोतवाल हैं.

जनता तो 5 साल में केवल 1 बार वोट करती है ना! बीजेपी का ही एक लुटेरा लंच करने बेल्लारी से बंगलोर के एक रेस्टोरेंट में निजी हेलीकाप्टर से जाता रहा है. जस्टिस एम.बी. शाह की खनन क्षेत्र में हुई लूट की फाइनल जाँच रिपोर्ट पता नहीं किन अंधेरों में सांसे गिन रही है. दिल्ली के नए एअरपोर्ट में जो घोटाला हुआ वो सब तो नई आर्थिक नीतियों के सिर का एक मात्र ताज नहीं है. ज़ब्त किया हुआ लाखों मैट्रिक टन लौह अयस्क निर्यात कर दिया गया. लूट की एक एक हेडिंग अपने आप में कई बुक्स की कोख है.

रेलवे, एलआईसी, ओएनजीसी और देश की ऐसी अन्य संपत्तियों को भी इन्ही चंद लोगों की निजी जागीर बना देने  की अजगरीय योजनाएं भी निगलने को तैयार हैं.

आखिर राष्ट्रीय ऋण के बदले में ही तो रुपया छपता है. और ये परम विश्वास पर ही तो चलता है. लेकिन ये अर्थव्यवस्था आखिर है किसके लिए अगर उपभोक्ता केवल चूसा जाता रहेगा तो इकॉनमी टूटेगी ही. और हम कितने बाध्य होंगे उन्हें ही बचाने के लिए जो चूस रहे हैं. हम अपनी जान किसमें डाल रहें हैं? तोते में या राक्षस में.

ये कहानी ऐसी है जैसे हरि अनंत हरि कथा अनंता वैसे ही लूट अनंत और इसकी कथा अनंता… ऐसे में एक प्रशांत भूषण निश्चित ही ऐसी सभी ताक़तों को अपने महासागर में डुबो कर ख़त्म करने की क्षमता से भरपूर महायोद्धा हैं.

अतः ये ही लुटेरी शक्तियों के सबसे बड़े दुश्मन भी. इन्होंने हम सबके साथ मिलकर आम आदमी पार्टी इसलिए नहीं बनाई थी कि कुछ लोगों की जागीर बन जाए. और इसीलिए इनसे सबसे पहले निपटना ज़रूरी समझा गया. जिस वजह से अरविन्द ने इस्तीफ़ा दिया वो जन लोकायुक्त अब उतना ज़रूरी नहीं रहा. पार्टी से विचारधारा और उद्देश्यों के प्रति निष्ठावान लोगों को सबसे पहले शिकार बनाया गया. लेबल ये लगाया गया कि ये लोग पार्टी को चुनाव में हराने की कोशिश में थे.

सोचिये अगर जिन सभी को गुंडागर्दी के साथ निकाला गया अगर ये वास्तविकता में चुनाव के समय पार्टी से बाहर आकर जनता को खतरों के प्रति आगाह कर देते तो क्या होता? घर के भीतर रहकर हर जिम्मेदार इंसान ग़लत कामों पर नाराज़गी प्रकट करता है जिससे कि भविष्य की दिशा ना ख़राब हो जाए. और हमारे वरिष्ठ साथी यही कर रहे थे. यही करना चाहिए था…

हम सभी आर्थिक गुलामी के गर्त की ओर जा रहें हैं और हमें बताया जा रहा है कि जब कुछ बड़े-बड़े दैत्यों का कटोरा समृद्धि से भर जाएगा तब उसमें होने वाले रिसाव से देश भी समृद्ध हो जायेगा. इसे ट्रिकल डाउन सिद्धांत कहते हैं. और ये कटोरा रोज़ के रोज़ बड़ा होता जाता है.

अगर हमें गुलामी की शेषनागीय कालिया योजनाओं का फन कुचल कर जीवन की कालिंदी नदी को बचाना है तो अभी समय है ये नाग अभी जवान नहीं हुआ है – इसे कुचल दिया जाना चाहिए.

Share This Article
Facebook Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
“Gen Z Muslims, Rise Up! Save Waqf from Exploitation & Mismanagement”
India Waqf Facts Young Indian
Waqf at Risk: Why the Better-Off Must Step Up to Stop the Loot of an Invaluable and Sacred Legacy
India Waqf Facts
“PM Modi Pursuing Economic Genocide of Indian Muslims with Waqf (Amendment) Act”
India Waqf Facts
Waqf Under Siege: “Our Leaders Failed Us—Now It’s Time for the Youth to Rise”
India Waqf Facts

You Might Also Like

LeadMango ManYoung Indian

Why we Need Affirmative Nationalism

August 19, 2020

Can Defunding Police decrease Violence against African-Americans in US?

June 22, 2020

MY EXPERIENCE WITH TABLIGHI JAMAAT

April 16, 2020
IndiaLeadMango ManYoung Indian

Decoding Sharjeel Imam: Is India Silencing the Dissenting Minority Voices?

February 12, 2020
Copyright © 2025
  • Campaign
  • Entertainment
  • Events
  • Literature
  • Mango Man
  • Privacy Policy
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?